नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जापान की यात्रा पूरी कर पापुआ न्यू गिनी पहुंचे, जहां उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत और 14 प्रशांत द्वीप देशों के बीच एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन की मेजबानी की.
पापुआ न्यू गिनी में पीएम मोदी का भव्य तरीके और पारंपरिक ढ़ंग से स्वागत किया गया. पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे खुद एयरपोर्ट पर पीएम मोदी के स्वागत के लिए पहुंचें. साथ ही 19 तोपों की सलामी, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ औपचारिक तरीके से स्वागत किया गया. इस दौरान जहां पापुआ गिनी के पीएम ने देश के कई नियम को तोड़ा. वह न केवल सूरज अस्त होने के बाद पीएम के स्वागत में खुद एयरपोर्ट पहुंचे वहीं उन्होंने झुककर पीएम के पैर भी छुए. पीएम की ये फोटो और वीडियो बहुत ही तेजी से वायरल हुई.
वहीं सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के अपने समकक्ष जेम्स मारापे के साथ द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की तथा वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की.
पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा पर आए प्रधानमंत्री मोदी ने प्रशांत द्वीपीय देश की प्राथमिकताओं के लिए भारत के सहयोग को दोहराया.
इस दौरान पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि प्रशांत द्वीप समूह के देश भारतीय प्रधानमंत्री को वैश्विक दक्षिण का नेता मानते हैं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के नेतृत्व का समर्थन करेंगे.
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण प्रशांत द्वीप देशों के सामने आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए, मारापे ने तीसरे भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग (FIPIC) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही, जिसकी सह-अध्यक्षता पीएम मोदी ने की थी.
मारापे ने कहा, “हम ग्लोबल पावरप्ले के शिकार हैं… आप (पीएम मोदी) ग्लोबल साउथ के लीडर हैं. हम ग्लोबल फोरम पर आपके (भारत) नेतृत्व के साथ खड़े रहेंगे.”
उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण अपने देश पर बढ़ती महंगाई के दबाव की ओर भी इशारा किया.
उन्होंने कहा कि प्रशांत द्वीप समूह के देशों को युद्ध का खामियाजा भुगतना पड़ता है क्योंकि उनके पास ईंधन और बिजली शुल्क की उच्च लागत होती है और भू-राजनीति और सत्ता संघर्ष के मामले में बड़े राष्ट्रों के परिणामस्वरूप भुगतना पड़ता है.
इस दौरान पीएम ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बॉब डाडे से भी अलग से मुलाकात की और उनसे विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पोर्ट मोरेस्बी में इला बीच के किनारे स्थित ऐतिहासिक एपेक हाउस पहुंचे. प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया.’’
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मारापे के साथ बातचीत में मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत करने तथा ‘फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कॉरपोरेशन’ के तीसरे शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी के लिए भी अपने समकक्ष का आभार जताया.
#WATCH | Prime Minister of Papua New Guinea James Marape seeks blessings of Prime Minister Narendra Modi upon latter's arrival in Papua New Guinea. pic.twitter.com/gteYoE9QOm
— ANI (@ANI) May 21, 2023
पापुआ न्यू गिनी पीएम मोदी और भारत के किसी भी प्रधानमंत्री का पहला दौरा है. इसी वजह से यह दौरा बेहद खास है. पापुआ न्यू गिनी में आमतौर पर सूर्यास्त के बाद आने वाले किसी भी नेता का औपचारिक स्वागत नहीं किया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह अपवाद रहा और उनका औपचारिक स्वागत किया गया.
प्रधानमंत्री मोदी जापान से यहां पहुंचे, जहां उन्होंने जी-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लिया और दुनिया के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं. तीन देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण में मोदी पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं.
सैन्य ताकत बढ़ाने पर हुई चर्चा
एफआईपीआईसी का गठन 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की फिजी यात्रा के दौरान किया गया था. यह शिखर सम्मेलन ऐसे वक्त में हो रह है जब चीन क्षेत्र में अपनी सैन्य और कूटनीतिक ताकत बढ़ाने के प्रयास कर रहा है.
बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने अपने द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लिया और व्यापार तथा निवेश, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण, कौशल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी समेत विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने संबंधी कदमों और लोगों के बीच परस्पर संबंधों को बढ़ावा देने से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की.
मारापे के साथ हाथ मिलाते हुए अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री जेम्स मारापे और मैंने काफी सार्थक बातचीत की जिसमें भारत और पापुआ न्यू गिनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों के हर पहलू पर चर्चा की गयी. हमने वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहयोग के तरीकों पर चर्चा की.’’
बैठक के दौरान मोदी और मारापे ने तमिल भाषा में लिखी काव्य रचना ‘तिरुक्कुरल’ का पापुआ न्यू गिनी की टोक पिसिन भाषा में अनुवादित कृति का विमोचन भी किया. यह अनुवादित पुस्तक भाषाविद शुभा शशिंद्रन और पापुआ न्यू गिनी के वेस्ट न्यू ब्रिटेन प्रांत के गवर्नर शशिंद्रन मुथुवेल ने लिखी है. पुस्तक में प्रधानमंत्री मारापे का एक कथन भी है.
I would like to commend @pngsasi, Governor of the West New Britain Province and Mrs. Subha Sasindran for their effort to translate the Thirukkural in Tok Pisin. Governor Sasindran has done his schooling in Tamil while Mrs. Subha Sasindran is a respected linguist. pic.twitter.com/Tydq1lPckl
— Narendra Modi (@narendramodi) May 22, 2023
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बॉब डाडे से गवर्नमेंट हाउस में मुलाकात की. डाडे ने देश की पहली यात्रा पर आए मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘पापुआ न्यू गिनी पहुंच गया हूं. मैं हवाई अड्डे पर आने और मेरा स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री जेम्स मारापे का आभारी हूं. यह आदर-सम्मान बहुत ही खास है, जिसे मैं हमेशा याद रखूंगा. मैं अपनी यात्रा के दौरान इस महान देश के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हूं.’’
बागची ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहासिक गवर्नमेंट हाउस में गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे से उत्साहपूर्ण बातचीत के साथ पापुआ न्यू गिनी में अपने दिन की शुरुआत की. उन्होंने भारत-पापुआ न्यू गिनी के संबंधों और दोनों देशों के बीच विकास साझेदारी की महत्ता पर जोर दिया.’’
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की महत्ता तथा विकासात्मक साझेदारी समेत विभिन्न मुद्दों पर सार्थक विचार साझा किए.
At the FIPIC Summit in Papua New Guinea with fellow FIPIC leaders. pic.twitter.com/nOArwGJWdc
— Narendra Modi (@narendramodi) May 22, 2023
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर डाडे के साथ बैठक की तस्वीरें साझा कीं.
मोदी ने कहा, ‘‘पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे से मुलाकात शानदार रही. हमने दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.’’
प्रधानमंत्री मोदी जापान से यहां पहुंचे, जहां उन्होंने जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया और दुनिया के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘एक महत्वपूर्ण दौरे की भव्य शुरुआत हुई है. प्रधानमंत्री मोदी पोर्ट मोरेस्बी पहुंचे. यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा है. 19 तोपों की सलामी, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ औपचारिक स्वागत किया गया. विशेष सम्मान दिखाते हुए प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी की.’’
PM @narendramodi starts off the day in Papua New Guinea with a warm conversation with Governor-General Sir Bob Dadae at the historic Government House.
Underlined the significance of 🇮🇳-🇵🇬 ties and development partnership between the two countries. pic.twitter.com/cvKsIfIERI
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) May 21, 2023
140 करोड़ भारतीयों को मिला सम्मान
भारतीय समुदाय ने भी प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके वैश्विक नेतृत्व के लिए फिजी के प्रधानमंत्री द्वारा फिजी के सर्वोच्च सम्मान, “कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी” से सम्मानित किया गया. यह सम्मान अभी तक कुछ ही गैर-फिजी लोगों को मिला है.
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं है बल्कि 140 करोड़ भारतीयों, भारत और फिजी के सदियों पुराने रिश्तों का है. इसके लिए मैं आपका और राष्ट्रपति जी का हृदय से बहुत आभार व्यक्त करता हूं.”
#WATCH | PM Narendra Modi has been conferred the highest honour of Fiji by the PM of Fiji: Companion of the Order of Fiji in recognition of his global leadership. Only a handful of Non-Fijians have received this honour till date.
"PM says, "…This honour is not just mine but… pic.twitter.com/fvfGudAFsg
— ANI (@ANI) May 22, 2023
भारत मुश्किल के समय में अपने मित्र प्रशांत द्वीप देशों के साथ खड़ा रहा: मोदी
पापुआ न्यू गिनी में सोमवार को तीसरे भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग (FIPIC) शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत बहुपक्षवाद में विश्वास करता है और एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करता है.
FIPIC समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत बिना किसी झिझक के प्रशांत महासागर स्थित द्वीप देशों के साथ अपने अनुभव और क्षमताएं साझा करने को तैयार है.
कोरोना महामारी के प्रभाव पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका प्रभाव ग्लोबल साउथ में सबसे अधिक देखा गया था.
पीएम मोदी ने कहा, “जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदा, भूख, गरीबी और स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियां पहले से ही थीं, अब नई समस्याएं पैदा हो रही हैं. लेकिन मुझे खुशी है कि भारत मुश्किल के समय में अपने मित्र प्रशांत द्वीप देशों के साथ खड़ा रहा.”
भारत जी-20 के माध्यम से ग्लोबल साउथ की चिंताओं, उनकी अपेक्षाओं और उनकी आकांक्षाओं को दुनिया तक पहुंचाना अपनी जिम्मेदारी समझता है. उन्होंने कहा, जी7 शिखर सम्मेलन में भी पिछले दो दिनों में मेरा यही प्रयास था.
पीएम मोदी अपनी तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में इंडो-पैसिफिक देश पहुंचे हैं. पीएम मोदी के आगमन पर, भारतीय राष्ट्रगान बजाया गया और दोनों प्रधानमंत्री सम्मान में खड़े रहे.
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