दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं.जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
इस फीचर कार्टून में साजिथ कुमार कर्नाटक में अगले सीएम को लेकर कांग्रेस में मौजूदा गतिरोध पर कटाक्ष कर रहे हैं. इसमें कहा गया है कि बीजेपी की डबल इंजन सरकार के उलट कांग्रेस की सरकार सिंगल इंजन वाली हो सकती है, लेकिन दुर्भाग्य से इसमें, सिद्धारमैया और शिवकुमार दो स्टीयरिंग व्हील हैं.
संदीप अध्वर्यु कर्नाटक के चुनाव परिणामों पर टिप्पणी करते हैं, जिसमें एक महिला मतदाता कांग्रेस नेताओं सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार को ‘कर्नाटक स्टोरी’ नाम से किताब देते हुए चेतावनी देती हैं कि ये ‘द केरला स्टोरी’ की तरह नहीं होना चाहिए.
मंजुल इन्वेस्टमेंट पर प्रतिफल पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हैं. एक व्यक्ति कह रहा है कि उसने बांड में 8% कमाए, दूसरे का कहना है कि उसने शेयर बाजार में 11% कमाए, लेकिन तीसरे व्यक्ति का कहना है कि उसने टाइगर रिजर्व में निवेश किए गए प्रत्येक एक रुपये पर 716 रुपये कमाए. वे मध्य प्रदेश के 716 वर्ग फुट बांधवगर टाइगर रिजर्व का संदर्भ दे रहे हैं, जहां हाल ही में टाइगर्स देखे गए हैं.
सतीश आचार्य का कार्टून भी कांग्रेस पार्टी द्वारा कर्नाटक में सिद्धारमैया और डी. शिवकुमार के बीच सीएम चुने जाने को लेकर असमंजस पर केंद्रित है. इसमें प्रचार के दौरान महिला मतदाताओं को “गारंटी कार्ड” देने के शिवकुमार के वादे पर कटाक्ष है.
नाला पोनप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री गतिरोध के बारे में भी बात करते हैं और मांग करते हैं कि वह जो भी हों, उन्हें “पर्यावरण के अनुकूल” होना चाहिए.
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