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Friday, 22 November, 2024
होमदेशनीतीश कुमार को एक और झटका, पटना हाईकोर्ट ने 'जाति जनगणना' की सुनवाई की तारीख से जुड़ी याचिका की रद्द

नीतीश कुमार को एक और झटका, पटना हाईकोर्ट ने ‘जाति जनगणना’ की सुनवाई की तारीख से जुड़ी याचिका की रद्द

बिहार में जाति जनगणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल को शुरू हुआ था, लेकिन बीते 4 मई को पटना हाईकोर्ट ने इसपर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 3 जुलाई तय की थी.

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नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पटना हाईकोर्ट से एक और झटका लगा है. पटना हाईकोर्ट जाति जनगणना पर रोक लगाने के बाद बिहार सरकार द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है. दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा करवाई जा रही जाति जनगणना पर 4 मई रोक लगा दी थी और उसकी अगली सुनावाई कि तारीख 3 जुलाई तय की थी. उसके बाद बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि जल्द से जल्द मामले की सुनवाई की जाए, नहीं तो काफी देर हो जाएगी. इसपर आज सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई तो 3 जुलाई को ही होगी. 

बता दें कि बिहार सरकार की ओर से मामले महाधिवक्ता पी के शाही मामले को देख रहे हैं.

क्या है मामला

दरअसल बिहार सरकार द्वारा ‘जाति आधारित सर्वेक्षण’ 7 जनवरी, 2023 से शुरू हुआ जो 21 जनवरी को समाप्त हुआ. पहले चरण में राज्य के सभी घरों की संख्या गिनी गई. उसके बाद 15 अप्रैल के बाद बिहार में दोबारा दूसरे चरण का जाति आधारित सर्वेक्षण शुरू किया गया. 

बता दें कि बिहार सरकार इस जाति जनगणना को ‘जाति आधारित सर्वेक्षण’ कह रही थी. इसके बाद कई संगठन ने पटना हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने 4 मई को जाति जनगणना पर रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार जिसे ‘जाति आधारित सर्वेक्षण’ कह रही है वह दरअसल जाति जनगणना ही है. कोर्ट ने इसकी अगली सुनवाई की तारीख 3 जुलाई को तय की थी.

लोगों को मौलिक चीज़ों की समझ नहीं: नीतीश

इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था, ‘जाति आधारित जनगणना सब लोगों के राय से तय हुआ है ये सबके हित के लिए हो रहा है. लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा इसका विरोध क्यों हो रहा है. इसका मतलब लोगों को मौलिक चीज़ों की समझ नहीं है. ये पहले अंग्रेज़ों के जमाने से तो होता ही था, ये 1931 से बंद हुआ.’


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