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Wednesday, 20 November, 2024
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राजस्थान में मिग-27 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त, पायलट सुरक्षित

जनवरी से अब तक भारतीय एयरफोर्स ने एक जगुआर फाइटर बॉम्बर, दो मिग- 27 यूपीजी, दो हॉक फाइटर, एक अपग्रेडेड दो सीटों वाला मिराज और मिग- 21 बिसन फाइटर खोया है. 

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नई दिल्ली: राजस्थान के सिरोही के एक गांव में रविवार को एक मिग-21 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. मिग जोधपुर से अपने नियमित मिशन पर था. रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. राहत की बात ये है कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त के होने के बाद पायलट सुरक्षित बच निकला.

अधिकारी ने कहा, ‘रविवार सुबह करीब 11.45 बजे एक मिग-27 यूपीजी विमान इंजन में गड़बड़ी की वजह से जोधपुर से 120 किमी दक्षिण में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान ने उतरलई एयरफोर्स बेस से उड़ान भरी थी.’ अधिकारी ने कहा कि प्राथमिक रिपोर्ट में किसी जान-माल का नुकसान की खबर नहीं है. दुर्घटना की जांच का आदेश दिया गया है.

एएनआई के ट्वीट के मुताबिक ये मिग 27 यूपीजी विमान अपने रुटीन मिशन पर था. मिग 27 यूपीजी विमान सोवियत दौर के फाइटर का अपग्रेडेड वर्जन हैं. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक इस विमान ने बाड़मेर के उत्तराली एयरफोर्स बेस से उड़ान भरी थी.

उड़ान के बाद पायलट ने इंजन संबंधित दिक्कत की जानकारी दी औऱ ख़ुद को 11.45 के करीब सिरोह के पास विमान से निकाल लिया. ये जगह जोधपुर से 120 किलोमीटर की दूरी पर है. एनडीटीवी ने ही लिखा है कि अदालत हादसे के कारण की जांच करेगी. वहीं, शुरुआती रिपोर्ट में ना किसी संपत्ति ना ही किसी जान माल के नुकसान की बात सामने आई है.

एनडीटीवी की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले तीन महीने में ये नौंवा विमान हादसा है. रिपोर्ट में लिखा गया है कि जनवरी से भारतीय एयरफोर्स ने एक जगुआर फाइटर बॉम्बर, दो मिग- 27 यूपीजी, दो हॉक फाइटर, एक अपग्रेडेड दो सीटों वाला मिराज और मिग- 21 बिसन फाइटर खोया है.

मिग- 21 बिसन वो विमान है जिसे विंग कमांडर अभिनंदन उड़ा रहे थे और पाकिस्तानी एयरफोर्स के साथ हवाई युद्ध के बाद उनके कब्ज़े में ले लिए गए.

मिग- 21 बिसन का इतिहास

रूसी-मूल का मिग- 21 बिसन भारत के छह फाइटर जेट्स में से एक है. ये सिंगल इंजन, सिंगल सीट मल्टी-रोल फाइटर/ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट हैं. एयरफोर्स की वेबसाइट के मुताबिक मिग- 21 बिसन उनकी रीढ़ की हड्डी है. इसकी अधिकतम गति 2230 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है और इसमें 23एमएम डबल बैरल कैनन (तोप) लगी होती है और इसमें चार आर- 60 कम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल भी होती है.

इसे पहली बार 1963 में एयरफोर्स में शामिल किया गया था. सुपरसोनिक मिग- 21 को पहली बार इंटरसेप्टर के तौर पर विकसित किया गया था. लेकिन बाद में इसे युद्धक विमान के तौर पर इस्तेमाल किए जाने के लिए विकसित किया गया था ताकि इसका इस्तेमाल ज़मीनी हमले के लिए भी किया जा सके. इसके पीछे कई कारण थे और सबसे बड़ा कारण पैसों की कमी थी.

1950 से अभी तक मिग-21 के लगभग एक दर्जन संस्करण आए हैं जिनमें से कई को इंडियन एयरफोर्स के दलों में शामिल किया गया है. इनमें टाइप- 77, टाइप- 96 और बीआईएस. बिसन इसका सबसे अपग्रेडेड संस्करण है. आईएएफ के 100 से ज़्यादा मिग- 21 को बिसन में अपग्रेड किया गया है. इंडियास्पेंड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 से एयर फोर्स इसे बाहर करना शुरू करेगा. इसी समय तक इसका जीवनकाल समाप्त हो जाएगा.

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