नई दिल्ली: आबकारी नीति में कथित घोटाले मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सासंद राघव चड्ढा के नाम का ज़िक्र किया है. हालांकि, उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है.
इस मामले पर राघव चड्ढा ने कहा कि उनके ऊपर किसी प्रकार का आरोप नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘ईडी द्वारा दायर की गई किसी भी शिकायत में मुझे आरोपी या संदिग्ध के रूप में नामित नहीं किया गया है. इन शिकायतों में मुझ पर किसी प्रकार का कोई आरोप नहीं है.’’
खबर है कि दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पीए ने राघव चड्ढा का नाम लिया था.
इस पर ‘आप’ के राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि शिकायत में मेरा नाम किसी बैठक में उपस्थित व्यक्ति के रूप में उल्लिखित है, हालांकि इस तरह के आरोप लगाने का आधार स्पष्ट नहीं है.’’
22 अप्रैल को दायर चार्जशीट के मुताबिक, ‘‘मनीष सिसोदिया के तत्कालीन सचिव सी अरविंद ने बताया था कि सिसोदिया के आवास पर हुई एक बैठक में राघव चड्ढा भी मौजूद थे. इसके अलावा इस बैठक में विजय नायर, पंजाब सरकार के एसीएस वित्त, आबकारी आयुक्त वरुण रूजम, एफसीटी और पंजाब आबकारी के अफसर भी मौजूद थे.’’
राघव ने कहा, ‘‘मैं उक्त बैठक के संबंध में या अन्यथा किसी भी तरीके से किसी भी कथित अपराध के करने का स्पष्ट रूप से खंडन करता हूं.’’
राघव चड्ढा ने मीडिया के लिए कहा, ‘‘मैं मीडिया और प्रकाशन गृहों से अनुरोध करता हूं कि वे कोई गलत रिपोर्टिंग न करें और इस मुद्दे को स्पष्ट करें, अन्यथा मैं कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य हो जाऊंगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की खबरें तथ्यात्मक रूप से गलत हैं और मेरी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने के लिए दुर्भावनापूर्ण प्रचार का हिस्सा प्रतीत होते हैं.’’
बता दें कि शराब नीति में हुए कथित घोटाले में दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही तिहाड़ जेल में बंद हैं.
बीती 16 अप्रैल को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से करीब साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की थी.
पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि पूरा का पूरा कथित शराब घोटाला फर्जी है, झूठ है और गंदी राजनीति से प्रेरित है.
उन्होंने कहा था, ‘‘आम आदमी पार्टी एक कट्टर ईमानदार पार्टी है और कट्टर इमानदारी हमारी बेसिक आइडियोलोजी है. हम मर जाएंगे मिट जाएंगे लेकिन अपनी ईमानदारी के साथ समझौता नहीं करेंगे. यही वजह है कि यह लोग हमारे ऊपर कीचड़ देखना चाहते हैं.’’
एजेंसी ने 2021 में शुरू की गई दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए पिछले साल एफआईआर दर्ज की थी.
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