नई दिल्ली: कांग्रेस के पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि पीएम मोदी एक ‘जहरीले सांप’ की तरह हैं, अगर आप उनके पास जाएंगे तो आपका अंत पक्का हैं.
खड़गे ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ‘जहरीले सांप’ की तरह है, आप सोचेंगे कि यह जहर है या नहीं और यदि आप इसे चखेंगे, तो आपकी मौत हो जाएगी.
हालांकि खड़गे ने बाद में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका मतलब पीएम मोदी से नहीं बल्कि उनके पार्टी से था और उन्होंने पीएम मोदी को नहीं अपितु बीजेपी को जहरीला कहा था.
खड़गे के इस बयान के बाद बीजेपी ने लगातार कांग्रेस और खड़गे पर एक के बाद एक वार किये. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी अध्यक्ष तो बनाया लेकिन कोई उन्हें ऐसा मानता नहीं हैं, इसलिए उन्होंने सोनिया गांधी के बयान से भी ज्यादा घटिया बयान आज दिया.”
ठाकुर ने आगे कहा कि बार-बार चुनावों में हार और कांग्रेस की बौखलाहट ये कहीं न कहीं कांग्रेस की मजबूरी बन जाती है मोदी जी को अपमानित करने की, गालियां निकालने की. सोनिया गांधी से लेकर उनके अब तक के अध्यक्ष कभी मोदी जी को मौत का सौदागर कहते हैं, कभी बिच्छू कहते हैं, कोई सांप कहता है….कांग्रेस को देश से माफी मांगनी होगी नहीं तो कर्नाटक की जनता इनकी ज़मानत ज़ब्त कराकर इनको मुंह तोड़ जवाब देगी.
अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए आगे कहा कि “जनता बहुत समझदार है वोट की चोट देगी.”
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र ने भी कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधते हुए कहा कि खड़गे जी ने अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया.
मेरा मतलब मोदी नहीं बीजेपी था
बता दें कि मीडिया से बात करते हुए, खड़गे ने अपनी पहले की टिप्पणी को स्पष्ट किया और कहा, “नहीं नहीं, मेरा मतलब मोदी से नहीं था, मेरा मतलब था कि भाजपा की विचारधारा सांप जैसी है. मैंने व्यक्तिगत रूप से मोदी को कुछ नहीं कहा.
“मैंने उनकी विचारधारा को एक सांप की तरह कहा और अगर आप इसे छूने की कोशिश करेंगे तो आपकी मौत निश्चित है.”
इससे पहले 24 अप्रैल को, खड़गे ने भाजपा की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि देश में कुछ दल और नेता राजनीति और धर्म को मिलाने की कोशिश कर रहे हैं.
खड़गे ने कहा, “राजनीति और धर्म को नहीं मिलाना चाहिए. इन दिनों कुछ दल और नेता इन्हें मिलाने की कोशिश कर रहे हैं. एक समुदाय के अलग-अलग लोग अलग-अलग पार्टियों को पसंद कर सकते हैं. एक घर के व्यक्तियों की अलग-अलग प्राथमिकताएं हो सकती हैं. भाजपा नेताओं को मेरी सलाह है कि वोट के लालच में एक समुदाय को दूसरे समुदाय से न लड़ाएं.”
यह भी पढ़ें: कर्नाटक चुनाव के लिए इस तरह दमखम झोंकेगी BJP, पीएम मोदी 6 दिन में करेंगे 22 रैली