सूरत (गुजरात) : सूरत की एक कोर्ट ‘मोदी सरनेम’ पर टिप्पणी को लेकर सजा के खिलाफ राहुल गांधी की याचिका पर आज फैसला सुनाएगी. गांधी ने अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए इस अदालत में एक याचिका दायर की थी.
3 अप्रैल को, सूरत की सत्र अदालत ने मामले में अपने खिलाफ सजा पर रोक लगाने को लेकर फाइल की गई कांग्रेस नेता की याचिका पर जमानत दे दी थी. कांग्रेस नेता की सजा पर रोक लगाने की याचिका पर जमानत देते हुए अदालत ने शिकायतकर्ता प्रणेश मोदी और राज्य सरकार को भी तलब किया था. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद 20 अप्रैल तक आदेश को सुरक्षित रख लिया गया था.
राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद थे, लेकिन सूरत की निचली अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक प्रणेश मोदी द्वारा आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत फाइल याचिका पर सुनवाई करते हुए 23 मार्च गांधी को 2 साल की सजा सुनई थी जिसके बाद डिस्क्वालीफाइड होने पर उनकी लोकसभा की सदस्यता चली गई थी.
गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए ‘मोदी’ सरनेम पर टिप्पणी की थी.
कर्नाटक के कोलार में अप्रैल 2019 में एक रैली में प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि ‘आखिर सारे चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है?’ उन्होंने यह बात भगोड़े ललित मोदी, नीरव मोदी के संदर्भ में कही थी.
सुप्रीट कोर्ट के 2013 में दिए गए एक फैसले के मुताबिक, उन्हें मिली सजा के बाद 24 मार्च को उनकी संसद की सदस्यता चली गई थी. इस नियम के तहत किसी भी सांसद या विधायक को अगर दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उसकी सदस्यता खुद-ब-खुद चली जाती है.
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