लखनऊ: हरदोई से टिकट कटने से नाराज भाजपा सांसद अंशुल वर्मा ने तंज भरे अंदाज में भाजपा के प्रदेश कार्यालय जाकर चौकीदार को इस्तीफा सौंपा. बुधवार सुबह वह लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे. यहां पहुंचकर कार्याल के चौकीदार को इस्तीफा सौंप दिया. अंशुल का ये अंदाज देखकर सब दंग रह गए. वहीं दूसरी तरफ अंशुल ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की उपस्थिति में सपा ज्वॉइन कर लिया है.
वहीं चौकीदार को इस्तीफा सौंपने के बाद पार्टी के प्रदेश कार्यालय से निकलकर अंशुल मीडिया से बोले- विकास किया है, विकास करेंगे, अंशुल थे अंशुल ही रहेंगे, चौकीदार न कहेंगे. इस्तीफा देने की वजह बताते हुए अंशुल ने कहा कि अगर विकास ही मानक था तो 24 हजार करोड़ रुपया लगाने की और विकास को आखिरी पायदान से चौथे पायदान पर लाने की सजा मिली है. पार्टी से नाराजगी जाहिर करते हुए बोले कि सदन में मेरी उपस्थिती 95 प्रतिशत रही है, इसमें मेरा दोष कहा था यह समझ से परे है.
टिकट कटने को लेकर बीजेपी के कई नेताओं में नाराजगी है. बता दें कि गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ सीटों पर भी कमोबेश ऐसा ही हाल रहा है. छह सीटों पर तो बीजेपी ने पत्ते खोल दिए हैं. लेकिन, वीआईपी कही जाने वाली गोरखपुर, जूताकांड से सियासत गर्माने वाली संतकबीरनगर और देवरिया सीट पर भाजपा ने पत्ते नहीं खोले हैं. वहीं कुशीनगर सीट से सिटिंग एमपी का टिकट कट गया है. बांसगांव और बस्ती सीट पर भी सिटिंग एमपी पर तलवार लटक रही थी. लेकिन, उन्हें जीवनदान मिल गया है.
संतकबीरनगर सीट पर फेरबदल की संभावना है. मौजूदा सांसद शरद त्रिपाठी पर जूताकांड के बाद संशय की तलवार लटक रही है. गोरखपुर की तरह यहां के भी उम्मीदवार के नाम की घोषणा शीर्ष नेतृत्व ने अभी नहीं की है. उसका कारण भी साफ है. जूताकांड में बीजेपी की इतनी किरकिरी कर दी है कि सांसद शरद त्रिपाठी का विकल्प खोजा जा रहा है.
टिकट कटने से नाराज बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मौजूदा सांसद मुरली मनोहर जोशी ने मतदाताओं को पत्र लिखा है. उन्होंने कानपुर के वोटर्स को पत्र लिखकर कहा है कि बीजेपी के महासचिव ने उनसे कानपुर या किसी अन्य सीट से चुनाव न लड़ने के लिए मना किया है. पत्र के जरिए जोशी ने उनसे जबरन वीआरएस लिए जाने की ओर इशारा किया है.