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Sunday, 22 December, 2024
होमदेश"एनकाउंटर का जश्न मनाने वाले जिम्मेदार," अतीक की हत्या पर बोले ओवैसी, अखिलेश ने कहा- ये अपराध की पराकाष्ठा

“एनकाउंटर का जश्न मनाने वाले जिम्मेदार,” अतीक की हत्या पर बोले ओवैसी, अखिलेश ने कहा- ये अपराध की पराकाष्ठा

इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की घटना का संज्ञान लिया. मुख्यमंत्री ने तुरंत उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए.

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नई दिल्ली: गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को अज्ञात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी जब पुलिस दोनों को यहां एक मेडिकल कॉलेज लेकर जा रही थी.

अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या के बाद राजनेताओं के बयान भी आने शुरू हो गए हैं.

इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की घटना का संज्ञान लिया. मुख्यमंत्री ने तुरंत उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए.

मुख्यमंत्री ने मामले में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग (न्यायिक जांच आयोग) के गठन के भी निर्देश दिए.

समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके पूर्व विधायक भाई अशरफ की हत्या पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या. इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कि कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं.’’


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असदुद्दीन ओवैसी बोले, “अतीक़ और उनके भाई पुलिस की हिरासत में थे. उन को हथकड़ियां लगी हुई थीं. दोनों की हत्या योगी के क़ानून व्यवस्था की नाकामी है. एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के ज़िम्मेदार हैं.

मौके पर पुलिस आयुक्त रमित शर्मा और जिलाधिकरी संजय कुमार खत्री सहित पुलिस के सभी आला अधिकारी पहुंच चुके हैं.

रमित शर्मा ने बताया, प्राथमिक जानकारी के अनुसार तीन लोग मीडियाकर्मी बनकर आए, उन्होंने हमला किया. तीन लोगों को पकड़ा गया है जिनसे पूछताछ जारी है. उनके पास से कुछ असलहा बरामद हुआ है. अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत के अलावा एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी है. एक पत्रकार को भी चोट आई है.

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सुरेश खन्ना बोले, जब जुल्म की इंतहा होती है तो कुछ फैसले आसमान से होते हैं… सरकार ने इस बात की हर तरह से कोशिश की कि कानून व्यवस्था को बनाए रखे. योगी सरकार ने अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का नारा दिया था, सरकार उसपर कायम हैं.

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी बोले, इससे पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था कैसी है. उ.प्र. के मुख्यमंत्री बार-बार कहते हैं कि उ.प्र. में कानून व्यवस्था उत्तम है… ये एक बड़ी साजिश है, जांच होनी चाहिए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.

भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने कहा, “अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की पूरी जांच होनी चाहिए.” उन्होंने आगे कहा कि हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन जिस तरह से अतीक और अशरफ का आतंक का साम्राज्य चरमरा गया है. दोनों ने पता नहीं किस किस पर कितना अत्याचार किया होगा.फिरौती मांगी होगी.धमकी दी होगी. लेकिन जो हुआ वो ठीक नहीं हुआ और इसकी जांच की जा रही है.

वहीं भाजपा के महासचिव ने बिना कोई नाम लिए एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, “भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि जब राक्षसों का संहार होता है तब पृथ्वी का भार कम होता है.”

बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा, ” यूपी पुलिस को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल होते देखना निराशाजनक है. कोर्ट दोषियों को सजा देती है. इस हत्याकांड ने राज्य सरकार की सत्ता को चुनौती दी है. यह शुद्ध अराजकता है.”

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घटना के संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. महज दो दिन पहले ही झांसी में पुलिस मुठभेड़ में अहमद का बेटा असद मारा गया था.

गोलीबारी की घटना रात करीब 10 बजे की है जो कैमरे में दर्ज हो गई क्योंकि मेडिकल जांच के लिए पुलिस द्वारा दोनों को अस्पताल ले जाते समय मीडियाकर्मी उनके साथ चल रहे थे.

सूत्रों के अनुसार, काल्विन अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा विभाग के सामने अतीक और अशरफ की तीन युवकों ने उस समय करीब से गोली मारकर हत्या कर दी, जब अतीक अहमद से पत्रकार कुछ सवाल कर रहे थे.

सूत्रों के अनुसार इसी दौरान तीन लड़के वहां पहुंचे और उन्होंने अतीक तथा अशरफ पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं.

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम लोग घटना की जांच कर रहे हैं. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. गिरफ्तार लोगों से अभी पूछताछ की जानी है.’’

सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) करेली श्‍वेताभ पांडेय ने बताया कि अतीक और अशरफ को रूटीन जांच के लिए अस्पताल लाया गया था, तभी यह घटना हुई. उन्होंने यह भी बताया कि तीनों आरोपियों को पकड़ लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. हालांकि उन्होंने अन्य कोई ब्यौरा नहीं दिया.

पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर तीन पिस्तौल, एक मोटर साइकिल, एक वीडियो कैमरा और एक न्‍यूज चैनल का लोगो पड़ा मिला है. अंदेशा है कि तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आये और घटना को अंजाम दिया. उन्होंने अपने गले में पहचान पत्र भी लटका रखे थे.

सनसनीखेज हत्या के बाद इलाके में तनाव है. अहमद एवं अशरफ के गोलियों से छलनी शवों को मौके से हटा लिया गया है.

अहमद और उसके भाई अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए यहां लाया गया था.

झांसी में 13 अप्रैल को अहमद का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारे गये थे. दोनों के शव को शनिवार सुबह दफनाया गया.


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