नई दिल्ली: उमेश पाल हत्याकांड मामले में दोषी करार किए गए माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को लेकर पुलिस वैन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सीजेएम कोर्ट पहुंच चुकी है.
अधिकारियों ने कहा कि प्रयागराज पुलिस अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ से पूछताछ के लिए 14 दिनों की हिरासत की मांग कर सकती है. पुलिस इन दोनों अपराधियों को 12 अप्रैल को साबरमती जेल और बरेली जेल से बी वारंट के जरिए प्रयागराज की नैनी जेल लाई थी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस मान रही है कि उन्हें हिरासत मिलेगी और इसके लिए मुख्य रूप से इन दोनों को पुलिस लाइन में ही रखने की तैयारी की जा रही है.
बता दें कि अतीक को जहां गुजरात की साबरमती जेल में रखा गया है वहीं उसके भाई अशरफ को बरेली जेल में रखा गया है.
अपने बेटे उमेश पाल को खो चुकी मां शांति देवी ने कहा, “हमें अदालत पर पूरा भरोसा है कि मेरे बड़े बेटे के हत्यारों को सजा मिलेगी. अदालत का जो भी फैसला होगा, वह हमें स्वीकार है.”
उन्होंने कहा, “सरकार ने जो भी कार्रवाई की है, हम उससे संतुष्ट हैं, सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है.”
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ईडी का शिकंजा
अतीक अहमद और उसके सहयोगियों के परिसरों से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 75 लाख रुपये की भारतीय और विदेशी मुद्रा के साथ-साथ लगभग 200 बैंक खातों और 50 फर्जी संस्थाओं से संबंधित कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं.
प्रयागराज में 15 परिसरों पर सुबह-सुबह छापेमारी की गई, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस की टीमों ने ईडी अधिकारियों को सशस्त्र सुरक्षा प्रदान की.
ईडी ने कहा कि करीब 200 बैंक खातों और 50 शेल संस्थाओं से संबंधित दस्तावेज, जिन्हें इन छापों के दौरान जब्त किया गया – का उपयोग जबरन वसूली, जमीन हड़पने और अन्य आपराधिक गतिविधियों के साथ साथ मनी लॉन्डरिंग के लिए किया गया था.
एजेंसी ने कहा, “अतीक अहमद के करीबियों और फर्मों के नाम पर 100 से ज्यादा संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं. इन संपत्तियों में अतीक की बेनामी संपत्ति शामिल होने का भी संदेह है.”
उन्होंने आगे कहा कि छापेमारी में 50 करोड़ रुपये से अधिक के नकद लेन-देन का भी पता चला है. किसानों से धमकी के माध्यम से खरीदी गई संपत्तियों (जबरन) के दस्तावेज भी पाए गए हैं.
100 से ज्यादा मामले दर्ज
छापेमारी ऐसे समय में की गई जब अहमद को उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में एक स्थानीय अदालत में पेश करने के लिए दूसरी बार गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा था.
अहमद पर उत्तर प्रदेश में 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. उसके और उसके परिवार के खिलाफ धनशोधन का ईडी का मामला इन प्राथमिकियों पर आधारित है.
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने जिन लोगों के खिलाफ छापेमारी की उनमें अतीक अहमद के रिश्तेदार खालिद जफर, उसके साथी व वकील सौलत हनीफ खान, उसके सहयोगी असद, वदूद अहमद, काली, मोहसिन, लेखाकार सबीह अहमद, आसिफ जाफरी और सीताराम शुक्ला तथा रियल एस्टेट कारोबारी संजीव अग्रवाल तथा दीपक भार्गव शामिल हैं.
ईडी ने 2021 में अहमद और उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन की आठ करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति उनके खिलाफ धन शोधन जांच के तहत जब्त की थी. उस समय भी उसने कुछ जगह छापेमारी की थी.
ईडी ने कहा था कि जांच में पता चला है कि “अतीक आपराधिक गतिविधियों के माध्यम से काली कमाई करता था, वह सारा पैसा नगद लेता और इसे अपने और अपने रिश्तेदार के बैंक खातों में जमा कराता था.”
जांच एजेंसी ने कहा था, “ईडी ने यह भी पाया है कि अतीक और उसके रिश्तेदारों के बैंक खातों में विभिन्न कंपनियों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा पैसा जमा कराया गया था. इन कंपनियों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का संचालन अतीक के सहयोगी करते हैं.”
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