नई दिल्ली : बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मंगलवार को नौकरी के लिए जमीन मामले में जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ऑफिस पहुंचे, मामले में उनके पिता और पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के शामिल होने का आरोप है.
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय के मुख्यालय 10.53 बजे पहुंचे, और जांचकर्ताओं के सामने पेश हुए.
तेजस्वी इस महीने मामले में जांच को लेकर एजेंसी के सम्मन को बाद ईडी के ऑफिस पहुंचे हैं. इससे पहले ईडी ने उनकी बहन और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती से इस मामले में पूछताछ की थी.
मार्च में, ईडी ने इंटेलिजेंस के इनपुट्स के आधारा पर दिल्ली, मुम्बई, पटना और रांची स्थित 24 जगहों पर अपने छापे के दौरान एक करोड़ रुपये, 1900,540 ग्राम सोना और 1.5 किग्रा ज्वैलरी और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद करने के दावे किए थे.
ईडी ने कहा था कि अचल सम्पत्ति के रूप में 350 करोड़ और 250 करोड़ विभिन्न ‘बेनामीदारों’ से ‘आपराधिक आय’ के तौर पर 600 करोड़ रुपये का पता चला है.
इसमें आरोप लगाया गया था कि मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के लिए अभी तक की गई कार्यवाही में खुलासा हुआ था कि जमीन के कई भूखंड पटना और अन्य प्रमुख जगहों पर लालू यादव के परिवार ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर अवैध रूप से हासिल किए. इन भूखंडों का अभी का बाजार मूल्य 200 करोड़ रुपये से ज्यादा है और इसको लेकर कई बेनामीदारों, शेल संस्थाओं और लाभकारी मालिकों की पहचान की गई है.
ईडी ने दावा किया कि, ‘एक संपत्ति डी-1088 फ्रैंड्स कॉलोनी, दिल्ली (एक 4 मंजिल का बंगला, जो कि ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, एक कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है, जिसके मालिक तेजस्वी यादव और उनका परिवार है) जिसका 4 लाख रुपये में अधिग्रहण दिखाया गया है लेकिन इसकी मौजूदा मार्केट वैल्यू लगभग 150 करोड़ रुपये है.’
एक अधिकारी ने दावा किया है कि बड़ी मात्रा में कैश और आपराधिक आय का इस्तेमाल इस संपत्ति की खरीद और कुछ मुंबई स्थित संस्थाओं, जेम्स एंड ज्वैलरी के सौदे में अपराध की आय का इस्तेमाल किया गया.
ईडी ने आरोप लगाया है कि, ‘संपत्ति हालांकि, कागज पर, ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कार्यालय, और एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के रूप में घोषित की गई है, जिसे तेजस्वी यादव द्वारा विशेष रूप से आवासीय परिसर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. सर्च के दौरान तेजस्वी यादव इस आवास में मौजूद मिले और इस आवास को रेजिडेंसियल प्रॉपर्टी के रूप में इस्तेमाल करते हुए पाए गए.’
एजेंसी ने कहा उसकी जांच में पाया गया है कि लालू प्रसाद के परिवार द्वारा गरीब डी-ग्रुप के आवेदकों से चार भूखंडों का अधिग्रहण किया गया है, जिन्होंने पूर्व आरजेडी विधायक सईद अबू दोजाना को दिया, जिसे राबड़ी देवी ने 3.5 करोड़ रुपये के भारी लाभ के साथ बेच दिया था.
इसमें कहा गया है कि जांच में सामने आया है कि इस प्रकार से मिले धन का एक बड़ा हिस्सा तेजस्वी यादव के खाते में ट्रांसफर किया गया.
ईडी का मामला सीबीआई की रिपोर्ट पर आधारित है, जिसने पिछले साल मामला दर्ज किया था. शुरुआती जांच पिछले साल सीबीआई ने सितंबर में की थी आरोप था कि 2004 और 2009 के बीच भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी पदों पर अज्ञात लोक सेवकों को जमीन के बदले में सब्सिच्यूट्स (प्रतिनियुक्त) के तौर पक नियुक्ति की थी.
इसमें आरोप लगाया गया है कि लालू यादव के कार्यकाल के दौरान जब वह 2004-09 के बीच वे रेलवे मंत्री थे तब 12 अस्थायी कैंडीडेट की केंद्रीय रेलवे में नियुक्ति की गई, जिसमें भर्ती के लिए भारतीय रेलवे की नियम-कायदों का उल्लंघन किया गया. नियुक्ति को लेकर कोई विज्ञापन व सार्वजनिक नोटिस नहीं जारी किया गया लेकिन पटना के कुछ निवासियों को रेलवे के मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर स्थित विभिन्न जोनों में प्रतिनियुक्ति दी गई.
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