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Wednesday, 20 November, 2024
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‘भारत में नहीं हुई मुस्लिम आबादी कम’, निर्मला सीतारमण बोलीं- आज़ादी के बाद से लगातार बढ़ रही है

वित्त मंत्री ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत बंद होने की खबरें आधारहीन एफटीए पर भारत और ब्रिटेन के बीच बातचीत जारी.

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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाशिंगटन में पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स (पीआईआईई) में मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर बोलते हुए सोमवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत हो रही है.

यह पुष्टि ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में आई एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि पिछले महीने लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा की गई बर्बरता की निंदा करने में ब्रिटेन की विफलता के कारण दोनों देशों के बीच एफटीए वार्ता को निलंबित कर दिया गया है.

उन्होंने मुस्लिम आबादी के कम होने की बात पर दो टूक कहा, ”पर्सेप्शन की बात करने वालों को पता होना चाहिए कि भारत में मुस्लिम आबादी 2014-23 के बीच कम नहीं हुई है. यह आजादी के बाद से बढ़ रही है और आज हमारे पास पाकिस्तान की तुलना में जहां धार्मिक अल्पसंख्यकों का सफाया कर दिया गया है, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है.”

सीतारमण ने यहां ‘भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और वृद्धि’ विषय पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ”हमने ऑस्ट्रेलिया के साथ समझौता अभी किया है. इससे पहले हमने यूएई, मॉरिशस और आसियान देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौता किया था. साथ ही हम कम विकसित देशों के साथ कोटा मुक्त और टैरिफ मुक्त व्यापार को भी बढ़ा रहे हैं.”

वित्त मंत्री निर्मला अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में भाग लेने के लिए सोमवार को यहां पहुंचीं थीं.

बहुपक्षीय समूहों के साथ व्यापार को आगे बढ़ाने की भारत की इच्छा पर बोलते हुए, उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि भारत ने बहुत स्पष्ट रूप से दिखाया है कि देशों के साथ आगे बढ़ने और उनके साथ एफटीए पर सहमति जताने में यह पहल अच्छी तरह से काम कर रही है.”

उन्होंने आगे कहा, ”मुक्त व्यापार समझौते द्विपक्षीय रूप से या बहुपक्षीय समूहों के साथ वह मार्ग रहे हैं जो भारत के पास 2014 से पहले और अब 2019 के बाद है. हमने कम से कम तीन प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. इसलिए, हम उस मार्ग पर यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय संघ और कनाडा के साथ आगे बढ़ेंगे.”

सरकारी सूत्रों ने सोमवार को कहा कि इससे पहले भारत ने ब्रिटिश मीडिया में आई उन खबरों को ‘आधारहीन’ बताकर खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उसने पिछले महीने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले को लेकर ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत रोक दी थी.

लंदन स्थित अखबार द टाइम्स ने अपने 10 अप्रैल के एडिशन में ब्रिटिश सरकार के वरिष्ठ सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि भारत सरकार व्यापार वार्ता से “अलग” हो गई है और यह स्पष्ट किया कि “खालिस्तान आंदोलन की सार्वजनिक निंदा के बिना” कोई प्रगति नहीं होगी.

भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता वार्ता 17 जून, 2022 को शुरू की गई थी.

सीतारमण ने आगे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के और अधिक प्रगतिशील होने की अपील की.

उन्होंने कहा, ”डब्ल्यूटीओ को मुद्दों के बारे में अधिक खुला होना चाहिए. डब्ल्यूटीओ को सभी सदस्यों के लिए प्रगतिशील और निष्पक्ष होना चाहिए. इसे सभी को आवाज देनी है और न केवल सुनना है बल्कि ध्यान भी देना है. डिजिटल युग के बावजूद इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण पर 1998 से रोक जारी है. क्या इस रोक के संदर्भ में विश्व व्यापार संगठन की नीति में बदलाव नहीं होना चाहिए? हमें वैश्वीकरण के लाभों को उल्टा नहीं करना है, बल्कि इसे और अधिक पारदर्शी बनाना है.”

सीतारमण ने कहा कि भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

उन्होंने कहा, ”आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के कारण देखे गए झटकों को देखते हुए, बहुराष्ट्रीय कंपनियां विवेकपूर्ण हो गई हैं और विविधीकरण कर रही हैं. भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका के लिए तैयार है. भारत अपने कुशल युवाओं और बड़े घरेलू बाजार के कारण आकर्षक है.”

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि भारत का विकास टिकाऊ है क्योंकि यह अपने विनिर्माण क्षेत्र को विकसित करने का प्रयास करता है न कि अपने द्वारा निर्मित उत्पादों का आयात करता है. उन्होंने कहा, ”फेज्ड मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम (पीएमपी) की वजह से घरेलू बाजारों की जरूरतों को पूरा करना ज़रूरी हो गया है.”

भारत में विदेशी निवेशक आते रहे हैं. मैं संभावित निवेशकों से कहूंगी कि वे आएं और देखें कि भारत में क्या हो रहा है, न कि उन लोगों द्वारा बनाई गई धारणाओं को सुनें जो ज़मीन पर नहीं आए हैं लेकिन खबरें बना रहे हैं.


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