22 मार्च को होली के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने लगा था. जिसमें एक मुस्लिम परिवार के एक दोमंजिले मकान पर कई लोग लट्ठ लेकर चढ़े हुए हैं और परिवार के लोगों को बुरी तरह से पीट रहे हैं. दोमंजिले पर चढ़ी एक लड़की खूब चिल्ला रही है और वही मोबाइल से इस घटना को कैप्चर कर रही है. ये घटना थी गुरुग्राम से लगभग 14 किलोमीटर दूर भोंडसी जेल रोड पर भूपसिंह नगर की.
क्या कहा पीड़ित परिवार ने
दिप्रिंट से बात करते हुए मुस्लिम परिवार के मुखिया साजिद ने बताया कि ये झगड़ा क्रिकेट की बॉल लगने को लेकर शुरू हुआ. छुट्टी होने की वजह से साजिद के भूपसिंह नगर स्थित घर उनके भाई दिलशाद का परिवार भी आया हुआ था. भाई का परिवार वहां से कुछ किमी दूर बादशाहपुर में रहता है. होली की संध्या पर परिवार के लड़के घर के बगल में ही क्रिकेट खेलने लगे. इस दौरान भूपसिंह नगर से लगे हुए नयागांव के कुछ लड़के रास्ते से गुजर रहे थे और उनको बॉल लग गई. तो उन्होंने बॉल वापस करने से मना कर दिया. साजिद के मुताबिक उन लड़कों ने बॉल मांगने पर हाथापाई की और देख लेने की धमकी देते हुए चले गए.
कुछ देर बाद 40-50 लड़के लट्ठ लेकर आए और धावा बोल दिया. साजिद के परिवार ने घर का दरवाजा बंद कर लिया. पर वो लड़के बगल के घर की छत से इनके घर में घुस आए और बुरी तरह मार–पीट की. कुछ बच्चे और औरतें दोमंजिले छत पर बांस की सीढ़ी लगाकर चढ़ गये और सीढ़ी ऊपर खींच ली. इस वजह से वो बच गये पर जो नीचे रह गये थे, उन्हें बहुत मारा-पीटा गया. घर के छह सदस्य हॉस्पिटल से मरहम–पट्टी कराकर वापस आ चुके हैं. पर बूढ़ी दादी समेत चार लोग अस्पताल में हैं.
साजिद के परिवार के लोग आतंकित दिखे. एक लड़का कह रहा था– ‘ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. कई मुस्लिम परिवार रहते हैं यहां पर. ये पहली बार हुआ है. वो हमें मुल्ले और पाकिस्तान जाने को कह रहे थे.’
गांव के आरोपी पक्ष के लोगों ने ये कहा
भूपसिंह नगर एक नई कॉलोनी है. पहले ये जमीन नयागांव के लोगों की ही थी. क्षेत्र का औद्योगीकरण बढ़ने के साथ ये जमीन बाहर वालों को धीरे धीरे बेच दी गई. भूपसिंह नगर में ज्यादातर बाहरी लोग ही हैं. ये लोग यूपी, बिहार, नेपाल वगैरह से आकर बसे हुए हैं और वहीं अपना काम–धंधा करते हैं.
‘ये लोग जोश में ऐसा बोल रहे हैं. हमारे गांव में कभी ऐसा-वैसा हिंदू-मुस्लिम का माहौल नहीं रहा है. पहली बार इस तरह की मार-पीट की घटना हुई है.’- नयागांव के बूढ़े दादा ने खाट पर बैठे हुए दिप्रिंट से कहा. गांव वालों ने दादा के बारे में बताया कि ये विंग कमांडर अभिनंदन की तरह एयरफोर्स से रिटायर हुए हैं.
बूढ़े दादा ने इस बारे में बताते हुए कहा कि जमीनें बेच देने के बाद अब लोगों के पास बस पैसा और घर रह गया है. नौजवान अब फौज में भी नहीं जाते और ऐसे ही इधर–उधर काम करते हैं. उनके मुताबिक गांव में शिक्षा का स्तर बहुत कम है.
नयागांव के लोगों ने दिप्रिंट से बात करते हुए उलट ही कहानी बताई. उनके मुताबिक नयागांव के लड़कों ने कहा कि हमें भी क्रिकेट खेला दो. इस पर साजिद के घर के लड़कों ने गाली–गलौज की और हाथापाई कर ली. चार लड़कों और एक ताऊ को बुरी तरह मारा. ताऊ का हाथ टूट गया और वो अस्पताल में है. इसके बाद लड़कों ने अपने गांव से बाकी लड़कों को बुलाया और फिर काफी मार–पीट की.
पर नयागांव के लोग ये नहीं बता पाये कि वो ताऊ कौन थे और किस अस्पताल में भर्ती हैं. किन लड़कों को बुरी तरह चोट लगी है, ये भी नहीं बता पाये. कौन–कौन से लड़के इस घटना में शामिल हैं, ये बताने से भी इनकार कर दिया. बस इस बात की रट लगाते रहे कि नयागांव के लड़के निर्दोष हैं और सारा दोष भूपसिंह नगर के ‘मुस्लिम परिवार’ का है.
घटना को हिंदू बनाम मुस्लिम बनाने की कोशिश
वहां पर जगदीश नाम के एक शख्स भी मौजूद थे जो अपने गांव वालों का हौसला बढ़ा रहे थे कि लड़कों को कुछ नहीं होगा. उनके साथ मौजूद एक व्यक्ति ने बताया– ‘हम लोग हिंदूवादी संगठनों से जुड़े हैं और क्षेत्र में सेवा करते हैं.’ जगदीश ने काफी जोर देकर कहा– ‘पहले पता किया जाए कि इस मुल्ले के परिवार में 50 लोग एक ही घर में क्या कर रहे थे. इन लोगों ने घर में पत्थर जमा कर रखे थे जो ऊपर से लड़कों पर बरसा रहे थे. अपने घर में इन्होंने इतने लट्ठ क्यों जमा कर रखे थे. ये लोग आतंकवादी हैं और ये कोई बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे.’
वहीं मौजूद एक बूढ़ी दादी ने काफी जोर जोर से चिल्लाते हुए आरोप लगाये– ‘इन मुल्लों की लड़की गंदी गाली दे रही थी और वीडियो बना रही थी. उनका पक्ष सबने देखा, हमारा किसी ने नहीं देखा. हमारे चार लड़कों को बुरी तरह मारा. इसी वजह से हमारे लड़कों ने भी उनको बहुत कूटा.’
वहां मौजूद नौजवान आपस में सलाह–मशविरा करके बयान दे रहे थे. किसी का भी नाम पूछने पर बताने से मना कर रहे थे. पुलिस से काफी नाराज थे कि सुबह के वक्त आकर बच्चों को उठा ले गये हैं. ये कोई बात होती है. पुलिस वाले जब मर्जी तब आ रहे हैं. हमने सेल्फ–डिफेंस में मारा. कुछ नौजवान दादी को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि ‘मारने’ की बात मत कहो, पर बाकी ने कहा कि कहने दो.
जगदीश के साथ मौजूद और महिलाओं ने मुस्लिम परिवार पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी जांच कराई जानी चाहिए. जाते–जाते जगदीश ने महिलाओं के साथ जय श्रीराम के नारे लगाए और आश्वासन देकर वहां से निकले. गांव के लोग अपने बच्चों को बचाने के लिए हर संभव तर्क का इस्तेमाल कर रहे थे. उनका कहना था कि पहले पीड़ित परिवार ने मारा, फिर हमने मारा. लेकिन हिंदूवादी लोगों की उपस्थिति में ये मामला हिंदू बनाम मुस्लिम का रंग ले रहा था. हालांकि गांव के लोग लगातार ये भी कह रहे थे कि हमारे गांव में ऐसी कोई भावना है ही नहीं. हिंदूवाद लोग गांव के बच्चों को बचाने की बात करते हुए लोगों से कहवा रहे थे कि मुस्लिम परिवार ऐसा है, वैसा है. पर किसी के घर का दरवाजा तोड़कर महिलाओं समेत सबको पीटने के अपराध पर कोई अफसोस नहीं जता रहा था. आरोपी पक्ष ही मामले को सांप्रदायिक बनाने में लगा था. प्रतीत हो रहा था कि ‘सांप्रदायिकता’ आरोपी पक्ष के लिए ढाल बन गई है. नारे लगाकर, भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेकर वो खुद को अलग तरीके से पेश कर रहे थे.
क्या कहना है चश्मदीद और पुलिस का
फिर दिप्रिंट ने इस घटना के चश्मदीद रवि से बात की. वह बहुत पहले से वहां रहते हैं और भूपसिंह नगर में ही उनकी डेयरी है. उनके मुताबिक बॉल लगने को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ और जब रवि बीच–बचाव करने पहुंचे तो उनको भी मार पड़ गई. एक और व्यक्ति ने बीच–बचाव करने की कोशिश की तो उन्हें भी थोड़ी चोट लग गई. रवि के मुताबिक शुरुआत में दोनों ही पक्षों के लड़के हाथापाई कर रहे थे.
डीसीपी हिमांशु गर्ग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया– ‘क्रिकेट खेलने के दौरान बॉल लगने से विवाद शुरू हुआ. शुरुआती जांच में सामने आया कि आरोपी पक्ष के साथ पहले मार–पीट की गई. जैसे–जैसे तथ्य सामने आएंगे, हम वैसे कार्रवाई करेंगे. गांव में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.’ पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 147, 148, 452, 506, 307 के अंतर्गत कार्रवाई शुरू कर दी है. महेश नाम के एक लड़के को गिरफ्तार भी किया गया है. हालांकि गांव वालों का कहना है कि पुलिस छह लड़कों को गिरफ्तार कर चुकी है. पुलिस घटना के तुरंत बाद ही गांव में आ गई थी. सुरक्षा करने के लिए चार पुलिसवाले एक वैन और एक बाइक के साथ मुस्तैद हैं. वहां आस-पास कोई शौचालय, मूत्रालय नहीं है, ना ही कोई खाने-पीने की जगह. दिप्रिंट ने पुलिसवालों से इस बाबत पूछा तो वो मुस्कराकर रह गए.
गलती नहीं मानी, मामला भड़काने की कोशिश
नयागांव के लोगों से जब दिप्रिंट ने पूछा कि वो लड़के एक किलोमीटर दूर भूपसिंह नगर में क्या करने गये थे, तो इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. जब यही सवाल हमने भूपसिंह नगर में पूछा तो लोगों ने भूपसिंह नगर से निकलते हुए मेन रोड पर स्थित शराब की दुकान की ओर इशारा कर दिया. कई लोगों ने बताया कि आरोपी पक्ष के कई लड़कों ने शराब पी रखी थी. हालांकि बाद में जब ज्यादा लोग इकट्ठा हुए तो पता चला सबने शराब नहीं पी थी.
नयागांव की विरासत के बारे में नॉस्टैल्जिक होते हुए लखन सिंह ने बताया– ‘ये गांव एक ही व्यक्ति द्वारा बसाया हुआ है. भड़ाना गोत्र के हैं सारे लोग. आस–पास 40 गांव हैं गुज्जरों के. ये मेवाती क्षेत्र में आता है. हालांकि जिला गुरुग्राम है.’ लखन सिंह की बातों से ये जाहिर हो रहा था कि गांव के कई लोग भूपसिंह नगर के लोगों को बाहरी समझते हैं और नयागांव के लोगों को स्थायी और ऑरिजिनल निवासी. लखन सिंह ने साजिद के परिवार पर हर वो आरोप लगाया जो लगा सकते थे.
ये भी कहा– ‘उसके घर की लड़कियां टेक्नॉलजी में एडवांस हैं तभी फटाफट वीडियो बना लिया. कुछ तो प्लान है उनका तभी वो इतनी फॉरवर्ड हैं. वरना हमारे घर की बीरबानियां तो फोन नहीं चला पातीं.’ लखन सिंह ने साजिद के घर की लड़कियों पर भी आरोप लगाये पर कोई प्रमाण नहीं दिया. साजिद पर पैसे के लेन–देन में लाखों की हेराफेरी का आरोप लगाया पर कोई प्रमाण नहीं दिया. ना ही किसी व्यक्ति का नाम लिया, जिससे हेराफेरी की गई हो.
उनकी बात को कई बार काटते हुए जगदीश जोर–जोर से बता रहे थे कि अब हम लोग उस परिवार को भूपसिंह नगर में नहीं रहने देंगे. अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी तो उनका हुक्का पानी बंद कर देंगे. इस बात पर साजिद ने बताया कि वो खुद ही इस घटना के बाद यहां से घर–बार समेटने का प्लान बना रहे हैं. उनके बच्चे डर गये हैं और यहां से जाना चाहते हैं. उचित खरीदार मिल जाए तो घर बेच के चला जाऊंगा.
अब दोनों पक्ष खुद को पीड़ित बता रहे हैं. घर का दरवाजा तोड़ औरतों समेत सबको पीटने की बात नेपथ्य में चली गई है. एक पक्ष आरोप लगा रहा है कि वो मुल्ले और पाकिस्तान जाओ जैसी बातें कह रहे थे. वहीं दूसरा पक्ष खुद को हिंदूवादी साबित कर अपराध को सांप्रदायिक रंग देने में लगा हुआ है. संभवतःइन लोगों को यहां पर सांप्रदायिकता कानून से ऊपर ढाल की तरह नजर आ रही है. जिस प्रकार से मामला आगे बढ़ रहा है और क्षेत्रीय नेता अपने अपने लोगों से संपर्क में हैं, दुबारा जाने पर ये मामला पूरी तरह से सांप्रदायिक बन जाने की संभावना है.