जलविद्युत संयंत्रों द्वारा बिजली पैदा करने के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी पर उपकर लगाने का हिमाचल प्रदेश सरकार का निर्णय सही दिशा मेंउठाया गया एक स्मार्ट, व्यावहारिक कदम है. समय आ गया है कि राज्य प्राकृतिक संसाधनों का मुद्रीकरण करना शुरू कर दें और मुफ्त बिजली और पानी जैसी अक्षम और नुकसानदेह राजनीतिक परंपराओं को खत्म कर दें.