नई दिल्ली: पाकिस्तान डे परेड में भाग लेने के लिए चीन के फाइटर्स जेट पाकिस्तान पहुंच गए हैं. यह वाकया चीन द्वारा पाकिस्तान में रह रहे जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अज़हर को आतंकी घोषित करने में अड़ंगा लगाने के कुछ ही दिनों के बाद किया गया है.
23 मार्च को पाकिस्तान अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है. यह 1940 में लाहौर के मिंटो पार्क में ऑल इंडिया मुस्लिम लीग द्वारा मुस्लिमों के लिए अलग राष्ट्र की मांग की याद में मनाया जाता है.
इस साल होने वाली परेड में आज़रबाइजान, बहरीन, सऊदी अरब और श्रीलंका की पैराट्रूप के अलावा टर्किश एफ-16 और चाइनीज जे-10 एयरक्राफ्ट भी शामिल होंगे.
पीपल्स लिब्रेशन आर्मी फोर्स की बेई एक्रोबेटिक टीम जे-10 फाइटर जेट शनिवार को पाकिस्तान पहुंच चुकी है. ये तब हो रहा है जब 14 फरवरी को पुलवामा में हुए हमले के बाद इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच टेंशन बढ़ा है. इस हमले की कथित तौर पर जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
भले चाइनीज फाइटर्स इस वार्षिक महोत्सव में एरोबेटिक स्टंट दिखाने आ रहे हों, लेकिन इस समय उनका आना ही दोनों देशों के सैन्य रिश्तों को बढ़ावा देगा.
पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने भी अपने ट्विट में इस बात की ओर इशारा किया है.
Chinese fighter jets arrive in Pakistan for its national day parade – Global Times : Picking sides when tensions are high? https://t.co/8F6JdKaGz6
— Shivshankar Menon (@ShivshankaMenon) March 18, 2019
शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंस इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन के शोधार्थी हू झियोंग ने चीन के गलोबल टाइम्स को बताया है कि बीजिंग द्वारा पाकिस्तान दिवस पर फाइटर्स भेजना दोनों देशों के मैत्री संबंधों को मजबूत करेगा. यह जानते हुए भी कि पाकिस्तान हर घड़ी चीन का साथ देता आया है.
हालांकि यह पहली बार नहीं है कि बेई एरोबेटिक टीम ने पाकिस्तान में परफॉर्म किया हो.
19 नवंबर 2017 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र में टीम ने क्वेटा में बसे जे-10 फाइटर्स के साथ परफार्म किया था. जहां पाकिस्तानी सेना अलगाववादियों के खिलाफ सैन्य कार्यवाई में लगी थी.
मजबूत होते रिश्ते
बीते सालों में चीन ने पाकिस्तान में बिलियन डॉलर इन्वेस्ट किया है. जिसमें चीन-पाकिस्तान का इकॉनामिक कॉरिडोर शामिल है. अब पाकिस्तान ने रक्षा सौदे के लिए अमेरिका को चीन से रिप्लेश कर दिया है.
जे-10 के अलावा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान दिवस के उपल्क्ष में चाइनीज हथियारों की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है.
युद्ध के करीब
पिछले दिनों हुई गतिविधियों को देखते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच तल्खियां बढ़ गई हैं. 26 फरवरी को इंडियन एयर फोर्स ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बसे जैश-ए-मोहम्मद कै कैंप पर हमला किया था जिसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी.
अगले दिन पाकिस्तान एयर फोर्स ने लाइन ऑफ कंट्रोल को क्रॉस कर भारतीय सैन्य ठिकानों पर असफल हमले की कोशिश की थी. इसके बाद दोनों देशों के बीच लड़ाई तेज हो गई जब पाकिस्तान जेट को आईएएफ द्वारा रोका गया और दोनों देशों ने अपना एक प्लेन खो दिया. जहां भारत ने एक मिग-21 बाइसन खोया, वहीं पाकिस्तान ने एफ-16. जिसके बाद इस गतिविधि में बंधक बना लिए गए भारतीय पायलट को पाकिस्तान द्वारा वापस छोड़ा गया, जबकि एफ-16 के बारे में किसी को नहीं पता चल सका.
भारत द्वारा लगातार दावा करने के बाद कि पाकिस्तान ने अमेरिकी एफ-16 का इस्तेमाल किया था, पाक का कहना है कि उसने जेएफ-17 का इस्तेमाल किया है जो कि चीन की मदद से पाकिस्तान में बना था.
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