scorecardresearch
Monday, 4 November, 2024
होमदेशPM की सुरक्षा में चूक का मामला- CM मान पंजाब के पूर्व DGP और बाकी पुलिसकर्मियों के खिलाफ करेंगे कार्रवाई

PM की सुरक्षा में चूक का मामला- CM मान पंजाब के पूर्व DGP और बाकी पुलिसकर्मियों के खिलाफ करेंगे कार्रवाई

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने राज्य के उस समय की डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, फिरोजपुर रेंज के डीआईजी इंदरबीर सिंह और फिरोजपुर के एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस के खिलाफ जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर अनुशासनात्मक कार्यवाही का फैसला किया है.

Text Size:

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जनवरी 2022 में पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर राज्य के कई पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा में लगे टॉप पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का फैसला किया है.

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के उस समय की डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, फिरोजपुर रेंज के डीआईजी इंदरबीर सिंह और उस समय के फिरोजपुर के एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस के खिलाफ जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर अनुशासनात्मक कार्यवाही का फैसला किया है. पंजाब सरकार के आधिकारिक पत्र में यह जानकारी दी गई है. 14 मार्च को पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही जनवरी 2022 में पीएम मोदी के दौरे को लेकर ‘अंतरिम’ रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेगा.

यह केंद्र सरकार की ओर से पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर मामले में की कार्रवाई का विवरण मांगे जाने के बाद हो रहा है. सूत्रों ने कहा था कि एक पत्र गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछने के लिए भेजा था. मुख्य सचिव ने कहा था कि राज्य सरकार को घटना की मामले में सुप्रीम कोर्ट की गठित समिति द्वारा की गयी जांच की रिपोर्ट मिल गयी है और इस पर विचार किया जा रहा है.

5 जनवरी 2022 को पीएम के पंजाब दौरे के वक्त सुरक्षा में हुई चूक की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी कर रही थी, जिसकी रिपोर्ट 6 महीने पहले सौंपी गई थी, इसने उस समय के राज्य मुख्य सचिव अनिरुद्ध तेवारी, पुलिस प्रमुख एस चट्टोपाध्याय और अन्य शीर्ष अधिकारियों की चूक की ओर इशारा किया था.

सुरक्षा चूक के ठीक बाद, एमएचए ने तीन सदस्यों की कमेटी बनाई थी, जिसने पंजाब पुलिस के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, पंजाब एडीजीपी, पटियाला आईजीपी, और फिरोजपुर डीआईजी के साथ दर्जनों पुलिस अधिकारियों को समन किया था. ये 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर मेंं पीएम के दौरे के वक्त सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे.

इसके बाद एमएचए ने सुधीर कुमार सक्सेना, सचिव (सुरक्षा), कैबिनेट सेक्रेटैरिएट बलबीर सिंह, ज्वाइंट डायरेक्टर (आईबी), और एस सुरेश आईजी, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के नेतृत्व में तीन सदस्यों की कमेटी बनाई थी.

केंद्र 5 जनवरी को पंजाब में पीएम मोदी के दौरे के वक्त सुरक्षा चूक को लेकर स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) एक्ट के तहत पंजाब पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रहा है.

एसपीजी एक्ट का सेक्शन 14 पीएम की गतिविधि के दौरान राज्य सरकार को एसपीजी को सभी तरह के सहयोग के लिए जिम्मेदार ठहराता है.

एमएचए की तीन सदस्यीय कमेटी ने उस फ्लाईओवर, जहां प्रधानमंत्री मोदी का काफिला 15 से 20 मिनट्स तक प्रदर्शनकारियों द्वारा रोड को ब्लॉक करने की वजह से फंस गया था, का दौरा कर और जांच के बाद कही है.

गृह मंत्रालय ने पंजाब के फिरोजपुर में पीएम की यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था.

एमएचए ने तब पंजाब सरकार से ‘इस चूक को लेकर जिम्मेदारी तय करने और कार्रवाई करने’ को कहा था.

यह कार्रवाई प्रधानमंत्री के काफिले के पंजाब में राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा करने को लेकर की गई, जिस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने उक्त फ्लाईओवर को जाम कर दिया था.

प्रधानमंत्री उस फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट तक फंसे रहे. यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में गंभीर चूक थी.

पंजाब सरकार ने भी मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की थी.

प्रधानमंत्री 5 जनवरी को सुबह बठिंडा लैंड किए थे, जहां से उन्हें राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला जाना था.

बारिश और खराब विजिविलीटी की वजह से प्रधानमंत्री ने मौसम के साफ होने का 20 मिनट तक इंतजार किया था. जब मौसम ठीक नहीं हुआ, तो यह तय हुआ कि वह रोड के रास्ते राष्ट्रीय स्मारक जाएंगे, जिसमें कि 2 घंटे लगना था.

बयान में कहा गया है कि पंजाब पुलिस के डीजीपी के आवश्यक सुरक्षा की पुष्टि करने के बाद प्रधानमंत्री ने सड़क के रास्ते जाने का फैसला किया. हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक के 30 किमी पहले, जब उनका काफिला फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो पाया गया कि सड़क कुछ लोगों द्वारा जाम कर दी गई थी.

प्रधानमंत्री मोदी फ्लाईओवर पर 15-20 तक फंसे रहे. इसे उनकी सुरक्षा में गंभीर सुरक्षा चूक बताया गया.

गृह मंत्रालय ने तब कहा था कि पीएम मोदी के यात्रा प्लान के बारे में पंजाब सरकार को एडवांस में अच्छे से बताया गया था.

गृह मंत्रालय ने कहा था कि प्रक्रिया का पालन करते हुए उन्हें लॉजिस्टिक्स और सुरक्षा के लिए जरूरी व्यवस्था करनी होगी और साथ ही आकस्मिक योजना तैयार रखनी होगी.

एमएचए ने तब कहा था कि आकस्मिक योजना के मद्देनजर पंजाब सरकार को सड़क मार्ग से किसी भी आवाजाही की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सिक्योरिटी तैनात करनी थी, जो कि साफतौर से नहीं तैनात की थी.


यह भी पढ़ें: बीते 25 वर्षों में चुने गए विधायकों में 92% पुरुष, महिलाओं के नेतृत्व को लेकर क्या कहते हैं आंकड़े


 

share & View comments