चंडीगढ़: पंजाब में शनिवार को शुरू हुए एक बड़े ऑपरेशन में पुलिस ने खालिस्तान कार्यकर्ता अमृतपाल सिंह और उसके आदमियों पर धावा बोल दिया, जिसमें 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया और कई अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
हालांकि, स्वयंभू सिख उपदेशक पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा और कहीं जाकर छिप गया. पंजाब पुलिस की ओर से देर शाम जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अमृतपाल को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.
पंजाब पुलिस के बयान में कहा गया है कि अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ (डब्ल्यूपीडी) के सदस्यों पर लोगों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या का प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमला करने और लोक सेवकों के कानूनी कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालने से संबंधित चार आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
पुलिस के मुताबिक, अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले करने के आरोप में डब्ल्यूपीडी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दिनांक- 24/02/ 2023, मामला एफआईआर संख्या 39 में दर्ज है.
गौरतलब है कि 23 फरवरी को अमृतपाल ने अपने हज़ारों समर्थकों के साथ अपहरण और मारपीट के मामले में गिरफ्तार अपने एक साथी की रिहाई के लिए अजनाला पुलिस स्टेशन का घेराव किया था.
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार को राज्यव्यापी अभियान के दौरान अब तक एक .315 बोर राइफल, 12 बोर की सात राइफल, एक रिवॉल्वर और 373 जिंदा कारतूस सहित नौ हथियार बरामद किए जा चुके हैं.
सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल अपने साथियों के साथ एक धार्मिक समारोह में शामिल होने के लिए जालंधर से बाहर जा रहा था, उसी दौरान नकोदर-जगरावं रोड पर महतपुर कस्बे में एक पुलिस बैरिकेड पर उनकी कारों के काफिले को रोका गया.
जब उनके काफिले को आगे जाने की अनुमति नहीं मिली, तो वहां मौजूद कारें पीछे की तरफ हटने लगीं. उसी दौरान अमृतपाल अपने काफिले की कुछ अन्य कारों के साथ नाकाबंदी वाली जगह से भागने में सफल रहा. हालांकि, पुलिस ने महतपुर बाज़ार के पास से दो कार और सात लोगों को पकड़ा है.
पुलिस ने कुछ दूर तक अमृतपाल की गाड़ी का पीछा किया था, लेकिन सूत्रों की मानें तो वह अपनी कार में सवार लोगों के साथ अपनी गाड़ी छोड़कर फरार हो गया. लावारिस वाहन को पुलिस ने जब्त कर लिया है.
जालंधर-नकोदर-शाहकोट बेल्ट में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू हो चुका है. पुलिसकर्मियों की कई टीमें इलाके में फैली हुई हैं और गांवों की तलाशी ले रही हैं.
सूत्रों ने बताया कि इलाके के प्रमुख गुरुद्वारों के बाहर पुलिस की भारी तैनाती है.
अमृतसर के पास पड़ने वाले अमृतपाल के पैतृक गांव जल्लू खेड़ा की भी पंजाब पुलिस और केंद्रीय बलों ने घेराबंदी की हुई है.
जल्लू खेड़ा में रहने वाले अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उन्हें नहीं पता कि उनका बेटा कहां है. उन्हें तो यह भी नहीं पता कि उसे गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है या वह फरार है.
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सावधानीपूर्वक योजना
रविवार दोपहर तक राज्य के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है. पुलिस के बयान में कहा गया है कि नागरिक फर्जी खबरों और अफवाहों पर ध्यान न दें. पुलिस प्रवक्ता ने बताया, ‘‘राज्य में स्थिति पूरी तरह से सामान्य है. शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के लिए शरारती गतिविधियों में शामिल सभी व्यक्तियों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा.’’
Request all citizens to maintain peace & harmony
Punjab Police is working to maintain Law & Order
Request citizens not to panic or spread fake news or hate speech pic.twitter.com/gMwxlOrov3
— Punjab Police India (@PunjabPoliceInd) March 18, 2023
पंजाब पुलिस ने ट्विटर राज्य के सभी लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का अनुरोध किया है.
दोपहर में पुलिस की नाकाबंदी से फरार हो जाने के बाद फेसबुक पर उसके समर्थकों ने कुछ असत्यापित वीडियो डाले. ताकि वीडियो में साझा किए गए जगहों पर बड़ी संख्या में उसके समर्थक पहुंच जाएं. इन वीडियो में अमृतपाल को एक सह-यात्री के कहने पर एक गाड़ी में बैठते हुए देखा जा सकता है. पुलिस उसका पीछा कर रही है.
वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने एक वीडियो संदेश में अमृतपाल का मजाक बनाते हुए कहा कि जब पुलिस उसका पीछा कर रही थी तो वह एक ‘कायर’ की तरह भाग गया, जबकि वह सिख युवकों को खुद से हथियार से लैस होने और सिख धर्म के लिए अपना सिर कटाने के लिए तैयार रहने के लिए कहता आया है. उसमें खुद पुलिस का सामना करने की हिम्मत नहीं है.
— Ravneet Singh Bittu (@RavneetBittu) March 18, 2023
मोहाली में कौमी इंसाफ मोर्चा में अमृतपाल के समर्थकों ने अपने विरोध स्थल से सिंह शहीदा गुरुद्वारे के सामने की सड़क को जाम कर दिया और मुख्य हवाई अड्डे की सड़क तक मार्च किया. प्रदर्शनकारी अमृतपाल की रिहाई की मांग कर रहे हैं.
कौमी इंसाफ मोर्चा एक स्थायी धरना पर बैठा हुआ है जो 7 जनवरी को मोहाली में शुरू हुआ था. वहां के प्रदर्शनकारी नौ बंदी सिंह या सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिन्हें पंजाब में उग्रवाद के दिनों में विभिन्न अपराधों के लिए गिरफ्तार किया गया था और उनकी अनिवार्य जेल अवधि पूरी होने के बाद भी रिहा नहीं किया गया है.
सूत्र बताते हैं कि अमृतपाल के समर्थकों ने लुधियाना के भदौर में एक गुरुद्वारे के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया, जहां अमृतपाल एक सभा को संबोधित करने वाला था.
लोगों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए पुलिस ने पंजाब के कई जिलों में धारा-144 लागू कर दी है.
अभिनेता से खालिस्तान कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू की एक कार दुर्घटना में मौत के बाद संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ की अध्यक्षता का दावा करने के लिए पिछले साल दुबई से लौटने के बाद अमृतपाल ने कई विवादों को जन्म दिया है.
दिसंबर में अमृतपाल ने अमृतसर में अकाल तख्त से अपने खालसा वाहीर (मार्च) के पहले चरण की शुरुआत की थी. स्वयंभू सिख उपदेशक एक अलग सिख राज्य – खालिस्तान – बनाने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए वह सिख युवाओं को नशा छोड़ने, खुद को हथियारों से लैस रखने, खुद को बपतिस्मा देकर अपने सबसे रूढ़िवादी रूप में सिख धर्म को पालन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
(अनुवाद : संघप्रिया | संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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