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Monday, 25 November, 2024
होमदेशमनीष सिसोदिया को अब ED ने किया गिरफ्तार, केजरीवाल बोले- जनता देख रही है, देगी जवाब

मनीष सिसोदिया को अब ED ने किया गिरफ्तार, केजरीवाल बोले- जनता देख रही है, देगी जवाब

दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने ट्वीट किया है, 'मनीष को पहले CBI ने गिरफ़्तार किया. CBI को कोई सबूत नहीं मिला, रेड में कोई पैसा नहीं मिला. कल बेल पर सुनवाई है. कल मनीष छूट जाते. तो आज ED ने गिरफ़्तार कर लिया.

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नई दिल्ली : पूर्व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को बृहस्पतिवार को शराब नीति मामले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने उनसे तिहाड़ जेल में पूछताछ करने पहुंची थी, जिसके बाद गिरफ्तारी की है.

अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर मनीष सिसोदिया को हरहाल में जेल में रखने का आरोप लगाया है और कहा कि जनता देख रही है. जनता जवाब देगी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है, ‘मनीष को पहले CBI ने गिरफ़्तार किया. CBI को कोई सबूत नहीं मिला, रेड में कोई पैसा नहीं मिला. कल बेल पर सुनवाई है. कल मनीष छूट जाते. तो आज ED ने गिरफ़्तार कर लिया. इनका एक ही मक़सद है – मनीष को हर हालत में अंदर रखना. रोज़ नये फ़र्ज़ी मामले बनाकर. जनता देख रही है. जनता जवाब देगी.

ईडी ने आप के वरिष्ठ नेता और पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक से मंगलवार को बयान दर्ज करने के कुछ दिन बाद पूछताछ शुरू की थी. सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था और 6 मार्च को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

ईडी ने इस मामले में पहले भी एक और गिरफ्तारी की थी, उसने हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई को  हिरासत में लिया था.

ईडी ने गुरुवार को भारतीय राष्ट्रीय समिति (बीआरएस) एमएलसी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए तलब किया.

सिसोदिया को सीबीआई ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (जीएनसीटीडी) की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले की चल रही जांच में गिरफ्तार किया था. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

ईडी ने पिछले साल मामले में अपनी पहली चार्जशीट दायर की थी. एजेंसी ने कहा कि उसने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की सिफारिश पर दर्ज सीबीआई मामले का संज्ञान लेते हुए एफआईआर के बाद अब तक इस मामले में लगभग 200 जगह तलाशी अभियान चलाए हैं.

जुलाई में फाइल की गई दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के निष्कर्षों पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें प्रथमदृष्टया जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, व्यापार नियम (टीओबीआर) -1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम -2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम -2010 का उल्लंघन पाया गया था.

अक्टूबर में, ईडी ने मामले में दिल्ली के जोर बाग स्थित शराब डिस्ट्रीब्यूटर इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली और पंजाब में लगभग तीन दर्जन स्थानों पर छापेमारी की थी.

ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया. ऐसा आरोप था कि लाइसेंस शुल्क माफ या कम कर दिया गया था और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस बढ़ाया गया था. लाभार्थियों ने आरोपी अधिकारियों को ‘अवैध’ लाभ दिया और पता लगाने से बचने के लिए अपने खाते की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां कीं.


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