नई दिल्ली: त्रिपुरा में पिछले हफ्ते चुनाव जीतने के बाद, नवनिर्वाचित विधायकों ने सोमवार को फैसला किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता माणिक साहा का इस बार भी राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल जारी रहेगा.
दो मार्च को हुए मतगणना में बीजेपी ने 60-सदस्यीय विधानसभा में से 32 पर जीत हासिल की, जबकि साहा ने 19,586 मतों के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र टाउन बोरडोवली से जीत हासिल की. बीजेपी की सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा को एक सीट मिली है.
हालांकि, साहा की जीत का अंतर अपने प्रतिद्वंद्वी आशीष कुमार से बहुत मामूली केवल 1,257 मतों का था. साहा को, 49.77 फीसदी वोट मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार 46.58 फीसदी के साथ काफी करीब रहे.
बीजेपी की सीट टैली भी 2018 में 36 से नीचे 32 पर पहुंच गई और इसका वोट शेयर भी घटकर – 2018 के 43.59 प्रतिशत के मुकाबले 39 प्रतिशत रहा.
सीपीआई (एम) का वोट शेयर भी 42.70 प्रतिशत से कम होकर 24 प्रतिशत हो गया, जबकि कांग्रेस ने अपना हिस्सा 1.41 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.56 प्रतिशत कर लिया.
तिपरा मोथा को राज्य में लगभग 20 फीसदी वोट मिले और वाम मोर्चे की कीमत पर आदिवासी क्षेत्रों में 13 सीटें जीतीं.
साहा और उनके मंत्रियों को बुधवार को एक समारोह में शपथ दिलाई जाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के शामिल होने की उम्मीद है.
साहा, को पिछले साल एक ब्रांड नवीनीकरण अभ्यास में मुख्यमंत्री बनाया गया था. मिस्टर क्लीन के नाम से मशहूर साहा 2016 में पार्टी में शामिल हुए थे.
उन्होंने 2020 में त्रिपुरा की भाजपा इकाई के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला, बाद में पिछले साल 3 अप्रैल से 4 जुलाई तक राज्यसभा के सदस्य के रूप में एक छोटा कार्यकाल निभाया.
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