गुरूवार की रात करीब 11 बजे मीडियाकर्मियों के पास बीसीसीआई का एक ईमेल आया. इस ईमेल के जरिए बोर्ड के सालाना करार की जानकारी साझा की गई. सालाना करार यानि किस खिलाड़ी को कितने पैसे मिलेंगे. इस सालाना करार का पैमाना खिलाड़ियों का प्रदर्शन होता है.
प्रदर्शन के आधार पर ही खिलाड़ियों को अलग अलग ग्रेड में रखा जाता है. हर ग्रेड में एक निश्चित रकम खिलाड़ी को दी जाती है. रात ज्यादा हो चुकी थी इसलिए तमाम अखबारों में ये खबर और खबर से जुड़ा विवाद जगह नहीं बना पाया. लेकिन इतना तय है कि इस सालाना करार के ऐलान में विसंगतियां हैं. पाठकों की सुविधा के लिए पहले हम करार की जानकारी दे देते हैं. उसके बाद इसमें रह गई कमियों पर बात करेंगे.
बीसीसीआई का सलाना करार
ग्रेड ए (प्लस)- 7 करोड़ |
ग्रेड ए-5 करोड़ |
ग्रेड बी-3 करोड़ |
ग्रेड सी-1 करोड़ |
विराट कोहली |
आर अश्विन |
केएल राहुल |
केदार जाधव |
रोहित शर्मा |
रवींद्र जडेजा |
उमेश यादव |
दिनेश कार्तिक |
जसप्रीत बुमराह |
भुवनेश्वर कुमार |
यजुवेंद्र चहल |
अंबाती रायडू |
चेतेश्वर पुजारा |
हार्दिक पांड्या |
मनीष पांडे |
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अजिंक्य रहाणे |
हनुमा विहारी |
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महेंद्र सिंह धोनी |
खलील अहमद |
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शिखर धवन |
ऋद्धिमान साहा |
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मोहम्मद शामी |
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ईशांत शर्मा |
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कुलदीप यादव |
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ऋषभ पंत |
आगे बढ़ने से पहले आपको ये भी बता दें कि ये करार 2018 के अक्टूबर महीने से लेकर इस साल सितंबर महीने तक का है. इस करार में खिलाड़ियों के नाम देखकर क्या आपको कुछ ‘मिसिंग’ लगा? अगर नहीं तो आपको हम बताते हैं.
करार में क्यों नहीं है पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल का नाम ?
ये बात समझ से परे है कि पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल को करार की लिस्ट से क्यों बाहर रखा गया? दोनों ही बल्लेबाज भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं. दोनों को ही अक्टूबर के बाद ‘टेस्ट कैप’ मिली हैं. दोनों ने ही शानदार प्रदर्शन किया है. पृथ्वी शॉ को चोट की वजह से टीम से बाहर होना पड़ा था वरना उन्होंने अपनी जगह टेस्ट टीम में पक्की कर ली थी। मयंक अग्रवाल ने ऑस्ट्रेलिया में मुश्किल परिस्थितियों में रन बनाए थे. बावजूद इसके इनके नाम करार की लिस्ट में नहीं हैं। इन दोनों खिलाड़ियों का प्रदर्शन देख लेते हैं.
पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल के साथ हुई ज्यादती
टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन |
पृथ्वी शॉ |
मयंक अग्रवाल |
मैच |
2 |
2 |
रन |
237 |
195 |
औसत |
118.50 |
65 |
शतक/अर्धशतक |
1/1 |
0/2 |
मयंक अग्रवाल ने बीते साल ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज की भूमिका बखूबी निभाई थी. जबकि पृथ्वी शॉ वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में ओपनर की भूमिका निभा चुके हैं.
ये बात और ज्यादा चौंकाती है जब करार पाए खिलाड़ियों में खलील अहमद और मनीष पांडे का नाम दिखता है. मनीष पांडे ने सितंबर 2018 के बाद से टीम इंडिया के लिए कोई वनडे मैच नहीं खेला है. खलील अहमद भी अभी खुद को साबित कर पाने के लिए संघर्ष ही कर रहे हैं.
ऋषभ पंत ए ग्रेड में कैसे ?
ऋषभ पंत आने वाले समय में तीनों फॉर्मेट में विकेट के पीछे जिम्मा संभालेंगे. वो टीम मैनेजमेंट के चहेते भी हैं. 2019 विश्व कप में उन्हें ‘ट्रंपकार्ड’ के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी भी है. बावजूद इसके इस ‘फैक्ट’ को कोई काट नहीं सकता है कि वनडे क्रिकेट में अभी वो अपनी उपयोगिता पूरी तरह साबित नहीं कर पाए हैं। वो विस्फोटक बल्लेबाज हो सकते हैं लेकिन अभी तक उनका विस्फोट देखना बाकि है.
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बावजूद इसके उन्हें ‘ए’ ग्रेड में रखकर उनके ऊपर पैसों की बरसात की गई है. टीम इंडिया में प्रदर्शन के लिहाज से हार्दिक पांड्या उनसे ज्यादा बेहतर खिलाड़ी हैं. उन्होंने अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी से क्रिकेट फैंस को प्रभावित किया है. लेकिन वो ‘बी’ ग्रेड में हैं. इसकी शायद एक वजह ये हो सकती है कि हाल ही में महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी को लेकर उन पर प्रतिबंध लगाया गया था.
खैर, आम तौर पर उन खिलाड़ियों को ‘ए-प्लस’ या ‘ए’ ग्रेड में रखा जाता है जो तीनों फॉर्मेट में टीम की नुमाइंदगी करते हों. यानि टेस्ट, वनडे और टी-20 तीनों फॉर्मेट में खेलते हों. विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह का नाम तो समझ आता है. लेकिन टेस्ट क्रिकेट में तमाम उम्मीदों के बाद भी संघर्ष कर रहे रोहित शर्मा को भी ‘ए-प्लस’ में रखा जाना भी समझ से परे है.
(शिवेंद्र कुमार सिंह खेल पत्रकार हैं. पिछले करीब दो दशक में उन्होंने विश्व कप से लेकर ओलंपिक तक कवर किया है. फिलहाल स्वतंत्र लेखन करते हैं.)