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Friday, 22 November, 2024
होमदेशमिग-21: वो फाइटर जेट जिससे विंग कमांडर अभिनंदन ने पाक के एफ-16 विमानों का मुकाबला किया था

मिग-21: वो फाइटर जेट जिससे विंग कमांडर अभिनंदन ने पाक के एफ-16 विमानों का मुकाबला किया था

इंडियन एयर फोर्स के प्रमुख ने कहा कि बिसन एयरक्राफ्ट को अपग्रेड किया गया है और ये पहले से बेहतर रडार और मिसाइल सिस्टम से लैस है.

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नई दिल्ली: पिछले हफ्ते भारत-पाकिस्तान ने एक दूसरे के हवाई क्षेत्र में घुसकर गोलाबारी की थी, जिसे हल्का-फुल्के शब्दों में हवाई युद्ध भी कहा जा रहा है. इसके बाद की अपनी पहली प्रतिक्रिया में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने सोमवार को कहा कि मिग- 21 बिसन ने पाकिस्तानी एयरफोर्स के अमेरिकी मूल के आधुनिक एफ- 16 को मार गिराया था. ऐसा तब हुआ जब पाकिस्तानी विमान ने भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की थी.

हमले के लिए मिग- 21 बिसन के इस्तेमाल की आलोचना हो रही थी. दरअसल, इसे मार गिराया गया था जिसकी वजह से विंग कमांडर अभिनंदन गिरफ्तार हो गए थे. इंडियन एयर फोर्स के प्रमुख ने इस आलोचना को शांत करने के लिए इस कदम को सही ठहराते हुए कहा कि बिसन एयरक्राफ्ट को अपग्रेड किया गया है और ये पहले से बेहतर रडार और मिसाइल सिस्टम से लैस है.

धनोआ की टिप्पणी पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को की गई उस टिप्पणी के बाद सामने आई जिसमें कहा गया था कि अगर भारत के पास राफेल जेट होता तो भारत बेहतर कर सकता था. मिग- 21 के आईएएफ की इन्वेंट्री में मौजूदगी को लेकर विवाद ने तूल पकड़ लिया है. दी प्रिंट इस विमान के इतिहास पर एक नज़र डाल रहा है और इस पर भी कि लेटेस्ट अपग्रेड के मायने क्या हैं.

मिग- 21 बिसन का इतिहास

रूसी-मूल का मिग- 21 बिसन भारत के छह फाइटर जेट्स में से एक है. ये सिंगल इंजन, सिंगल सीट मल्टी-रोल फाइटर/ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट हैं. एयरफोर्स की वेबसाइट के मुताबिक मिग- 21 बिसन उनकी रीढ़ की हड्डी है. इसकी अधिकतम गति 2230 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है और इसमें 23एमएम डबल बैरल कैनन (तोप) लगी होती है और इसमें चार आर- 60 कम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल भी होती है.


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इसे पहली बार 1963 में एयरफोर्स में शामिल किया गया था. सुपरसोनिक मिग- 21 को पहली बार इंटरसेप्टर के तौर पर विकसित किया गया था. लेकिन बाद में इसे युद्धक विमान के तौर पर इस्तेमाल किए जाने के लिए विकसित किया गया था ताकि इसका इस्तेमाल ज़मीनी हमले के लिए भी किया जा सके. इसके पीछे कई कारण थे और सबसे बड़ा कारण पैसों की कमी थी.

1950 से अभी तक मिग-21 के लगभग एक दर्जन संस्करण आए हैं जिनमें से कई को इंडियन एयरफोर्स के दलों में शामिल किया गया है. इनमें टाइप- 77, टाइप- 96 और बीआईएस. बिसन इसका सबसे अपग्रेडेड संस्करण है. आईएएफ के 100 से ज़्यादा मिग- 21 को बिसन में अपग्रेड किया गया है. इंडियास्पेंड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 से एयर फोर्स इसे बाहर करना शुरू करेगा. इसी समय तक इसका जीवनकाल समाप्त हो जाएगा.

इसमें ताज़ा अपग्रेड क्या हुए हैं?

एक सीनियर एयर फोर्स अधिकारी ने कहा कि मिग- 21 बीआईएस को अपग्रेड करके मिग- 21 बिसन में तब्दील किया गया. अपग्रेड में इलेक्ट्रॉनिक्स, बेहतर हवाई तकनीक और संचार के माध्यम लगाए गए हैं. इसमें कोप्यो लाइट वेट मल्टी-मोड रडार, एक हेलमेट में लगा हुआ डिस्प्ले और बेहतर विंडशील्ड जैसी चीज़ें भी लगी हैं.


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एक एयर फोर्स अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, “इसे अधुनिक हथियार प्रणाली और मिसाइल सिस्टम ले जाने के हिसाब से बदला गया था, इसकी तुलना तब के मिराज 2000 विमानों से की जा सकती थी. पायलट के पास होने वाली जानकारी और उनकी सुरक्षा पहले की तुलना में अपग्रेडेड एयरक्राफ्ट में बेहतर थी.”

एक और एयर फोर्स अधिकारी ने कहा कि अपग्रेड में मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले कॉकपिट, रेडियो सेट, इलेक्ट्रॉनिक वायफेयर सुइट, इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम/जीपीएस भी शामिल थे.

अपग्रेड की ख़ामी

पहले अधिकारी ने कहा कि अपग्रेड के बावजूद इंजन के प्रदर्शन में सुधार नहीं किया जा सका. अधिकारी ने कहा, ‘जेट द्वारा भार उठाए जा सकने की क्षमता को अपग्रेड करना संभव नहीं है. इसकी वजह एयर फ्रेम है.’ पिछले कुछ दशकों में मिग- 21 फाइटर जेट्स की छवि को इसके हादसों और उसकी वजह से पायलटों के हताहत होने से काफी धक्का लगा है. यही वजह है कि इसे “फ्लाइंग कॉफिन” (हवा में तैरता ताबूत) बुलाया जाने लगा.

न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 1963 से 2015 तक मिग- 21 के कुल 210 हादसे हुए हैं. हालांकि, अगर ऑपरेशन के लिए मिग- 21 का इस्तेमाल नहीं किया जाता है तो ये एयरफोर्स के दस्तों को काफी कमज़ोर बना देगा. आपको बता दें कि एक तरफ जहां आईएएफ के लिए 42 दस्तों की ताकत को अधिकृत किया गया है, वहीं दूसरी तरफ सितंबर 2018 तक इसके पास महज़ 33 फाइटर एयरक्राफ्ट दस्ते हैं.

(यह खबर अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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