नई दिल्ली: इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने शनिवार को कहा कि दुनिया में निजी क्रिप्टोकरेंसी के लिए अधिक विनियमन होना चाहिए.
बेंगलुरु में जी20 बैठक के मौके पर उन्होंने कहा, ‘निजी क्रिप्टो संपत्ति पैसा नहीं है.’ उन्होंने विनियमन पर जोर देते हुए कहा, ‘अगर विनियमन विफल हो जाता है और आप इसे करने में स्लो हैं, तो हमें मेज से नहीं हटना चाहिए या उन परिसंपत्तियों पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि वे वित्तीय स्थिरता जोखिम पैदा कर सकते हैं …’
आईएमएफ के एमडी ने कहा कि क्रिप्टो वित्तीय स्थिरता के मुद्दों को जन्म दे सकता है और दुनिया में निजी क्रिप्टोकरेंसी के लिए अधिक विनियमन होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल स्थान है. क्रिस्टालिना जॉर्जीवा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ सह-अध्यक्षता में गोलमेज सम्मेलन के बाद संवाददाताओं से बात कर रही थीं.
जॉर्जीवा ने कहा, ‘2023 एक चुनौतीपूर्ण वर्ष है क्योंकि वैश्विक विकास धीमा हो रहा है.’ उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन में युद्ध अनिश्चितता की कब्र है.
ऋण पुनर्गठन के विषय पर आईएमएफ प्रमुख ने अपनी बात रखते हुए कहा कि संकटग्रस्त अर्थव्यवस्थाओं के लिए ऋण पुनर्गठन पर कुछ असहमति हैं. उन्होंने यह बात ऐसे समय में कही है जब श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान आर्थिक मंदी के लिए तत्काल आईएमएफ फंड की मांग कर रहे हैं.
आईएमएफ प्रमुख ने कहा, ‘ऋण पुनर्गठन पर अभी भी कुछ असहमति हैं, अब हमारे पास सभी सार्वजनिक और निजी लेनदारों के विचार के साथ ग्लोबल सॉवरेन डेट राउंडटेबल है.’
जी20 बैठक के मौके पर ग्लोबल सॉवरेन डेट राउंडटेबल बेंगलुरु में आयोजित किया जा रहा है. सम्मेलन में उन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी जो ऋण पुनर्गठन प्रक्रियाओं में बाधा डाल रही हैं.
यह भी पढ़ें: ‘नई टेक्नोलॉजी नई तरह की क्लासरूम के निर्माण में भी मदद कर रहे हैं’ – PM मोदी