संयुक्त राष्ट्र: भारतीय समुदाय के सदस्यों और अंतर्राष्ट्रीय समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तानी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने तथा इस्लामाबाद पर हथियार प्रतिबंध लगाने की मांग की.
मुख्यालय के बाहर रविवार को लगभग 400 लोगों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में अमेरिका, बांग्लादेश, कैरेबियाई देशों, श्रीलंका और इजरायल के साथ-साथ पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के नागरिक भी शामिल हुए.
प्रदर्शनकारी हाथों में पोस्टर लिए हुए थे, जिन पर दुनिया भर में हुए विभिन्न आतंकवादी हमलों की सूची मौजूद थी, जिनके तार पाकिस्तान से जुड़े थे. इन हमलों में पुलवामा से न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर और मुंबई से लंदन तक हुए आतंकी हमलों के जिक्र थे. इसके अलावा बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना के अत्याचार का भी इन बैनरों पर जिक्र था.
इन पोस्टरों में अल कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), हक्कानी नेटवर्क, तालिबान, लश्कर-ए-उमर, सिपाह-ए-सहाबा जैसे आतंकवादी संगठनों को भी सूचीबद्ध किया गया था, जो पाकिस्तान में रहकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं.
प्रदर्शनकारियों की तरफ से संयुक्त राष्ट्र को सौंपे जाने वाले एक ज्ञापन में कहा गया है कि विश्व निकाय को पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवादी देश घोषित करना चाहिए और जेईएम नेता मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर उस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए.
सुरक्षा परिषद के सदस्य के रूप में चीन अजहर की रक्षा करता रहा है और अन्य सदस्यों द्वारा उसे वैश्विक आतंकवादियों की सूची में शामिल करने के प्रयासों पर वीटो कर देता है.
जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आत्मघाती बम विस्फोट की जिम्मेदारी के जेईएम ने ली थी, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे.
ज्ञापन में संयुक्त राष्ट्र को इस्लामाबाद पर हथियार प्रतिबंध लगाने और आतंकवादी संगठनों की सुरक्षा और सहायता करने वाले पाकिस्तानी राजनीतिक और सैन्य नेताओं पर वित्तीय और यात्रा प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है.
ओवरसीस फ्रैंड्स ऑफ बीजेपी के अध्यक्ष कृष्णा रेड्डी अनुगुला ने कहा कि वह सोमवार को महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को ज्ञापन भेजेंगे.