चंडीगढ़: दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली के अमृतसर स्थित चचेरे भाई कंवलजीत सिंह रंधावा के लिए इससे बढ़िया खबर नहीं हो सकती कि वह रिपब्लिकन पार्टी के 2024 के राष्ट्रपति पद के नामांकन में भाग लेंगी.
कंवलजीत सिंह और उनकी पत्नी महाराष्ट्र में सिख धर्म के पांच तख्तों में से एक, नांदेड़ साहिब की अपनी लंबे समय से प्रतीक्षित तीर्थ यात्रा के लिए पैकिंग कर रहे थे, जब टेलीविजन समाचार चैनलों ने यह सूचना दिखाई.
51 वर्षीय हेली अगले साल व्हाइट हाउस के लिए अपनी दूसरी बोली में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चुनौती देने वाली पहली रिपब्लिकन नेता हैं.
कंवलजीत सिंह ने मंगलवार शाम को फोन पर दिप्रिंट को बताया, “इससे बड़ी कृपा और क्या हो सकती है. हम कल नांदेड़ साहिब में हजूर साहिब के लिए ट्रेन में होंगे”. “कहने की जरूरत नहीं है कि वह हजूर साहिब में हमारे दिमाग में रहेंगी और हम उनकी सफलता के लिए प्रार्थना करेंगे. उन्होंने हमारे परिवार को इतना गौरवान्वित किया है.”
75 वर्षीय कंवलजीत सिंह अमृतसर के वेरका में रहते हैं. उनके पिता स्वर्गीय सरदार प्रीतम सिंह हेली के पिता सरदार अजीत सिंह के बड़े भाई थे. उन्होंने कहा, “निक्की के पिता मेरे चाचाजी हैं.”
मूल रूप से तरनतारन के पंडोरी रण सिंह गांव के रहने वाले एक घनिष्ठ भक्त सिख परिवार का हिस्सा, दोनों भाईयों में तब तक बंटवारा नहीं हुआ था जब तक कि नौकरी और करियर उन्हें अलग-अलग दुनिया में नहीं ले गए.
कंवलजीत सिंह याद करते हुए कहते हैं, “मेरे पिता सेना में शामिल होने के लिए चले गए और अजीत सिंह लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में एक पारिस्थितिकीविद् के रूप में शामिल हो गए. 1960 के दशक की शुरुआत में, वह पीएचडी करने के लिए कनाडा चले गए. उन्हें छात्रवृत्ति मिली थी. तब तक उनकी शादी हो चुकी थी और उनका एक बेटा भी है. कनाडा से वह अमेरिका में दक्षिण कैरोलिना चले गए जहां निम्रता या निक्की, जैसा कि हम उन्हें बुलाते हैं, का जन्म 1972 में हुआ था.”
दक्षिण कैरोलिना में, अजीत सिंह ने वूरहिस कॉलेज में पढ़ाना शुरू किया. उनकी पत्नी राज कौर ने शिक्षा में मास्टर डिग्री प्राप्त की और एक स्कूल में पढ़ाया. कुछ साल बाद, उसने अपनी कपड़ों का काम शुरू किया, जिसे बाद में निक्की ने भी अपनी विश्वविद्यालय की शिक्षा के बाद ज्वाइन किया.
मंगलवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए लड़ने के अपने इरादे की घोषणा करते हुए, निक्की ने अपनी पृष्ठभूमि को “भारतीय प्रवासियों की ऐसी बेटी जिसे गर्व है” के रूप में बताया.
दक्षिण कैरोलिना के बामबर्ग में जन्मी निम्रता रंधावा ने 1996 में शादी के बाद अपने पति माइकल का पारिवारिक नाम लिया. शादी सिख और ईसाई परंपराओं के अनुसार हुई थी.
कंवलजीत सिंह ने कहा, “जब निक्की 2011 में दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर बनीं, तो यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण था.” “मैं कभी अमेरिका नहीं जा पाया लेकिन जल्द ही ऐसा करूंगा.”
कंवलजीत सिंह और उनके छोटे भाई परमजीत सिंह पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग में शामिल हो गए. वर्षों की सेवा के बाद, कंवलजीत सिंह 2005 में सेवानिवृत्त हुए. “परमजीत अमेरिका चले गए. उनका बेटा मनदीप नॉर्थ कैरोलिना में है. हमने तीन साल पहले परमजीत को खो दिया था.’
कंवलजीत सिंह ने कहा,”सबसे छोटा भाई दर्शन सिंह कपूरथला में रहता है. “हम परिवार के दो सदस्य हैं जो अब पंजाब में रह रहे हैं. हमारे बच्चे अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में बसे हुए हैं.”
2014 में जब हेली ने भारत का दौरा किया और अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका तो कंवलजीत सिंह ने उनसे उस होटल में मुलाकात की जहां वह ठहरी थीं. उन्होंने कहा, “सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण वह घर नहीं आ सकीं, लेकिन यह एक यादगार मुलाकात थी.”
भावुक हेली ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अपनी यात्रा को “वास्तव में विशेष और भावनात्मक” बताया. भारतीय-अमेरिकी राजनेता ने कहा कि वह वहां साउथ कैरोलिना की गवर्नर के तौर पर नहीं बल्कि एक विनम्र इंसान के तौर पर आई थीं.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: ‘मोदी का प्रेस पर हमला’, BBC पर रेड को अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने डॉक्यूमेंट्री विवाद से जोड़कर देखा