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Friday, 22 November, 2024
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स्वतंत्रता सेनानी शहाबुद्दीन चुप्पू निर्विरोध बांग्लादेश के 22वें राष्ट्रपति चुने गए

302 सदस्यों के साथ, एएल पार्टी के पास 350 सीटों वाली राष्ट्रीय संसद में बहुमत है.किसी अन्य पार्टी के पास राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को नामांकित करने की संख्या नहीं थी.

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नई दिल्लीः पूर्व न्यायाधीश और स्वतंत्रता सेनानी मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू को निर्विरोध बांग्लादेश का 22वां राष्ट्रपति चुना गया है.

मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने अगरगांव में चुनाव आयोग भवन में पत्रकारों से बात करते हुए यह घोषणा की.

भ्रष्टाचार निरोधक आयोग के एक पूर्व आयुक्त चौहत्तर वर्षीय शहाबुद्दीन चुप्पू को बांग्लादेश के 22वें राष्ट्रपति के रूप में निर्विरोध चुना गया और वे वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद की जगह लेंगे.

समाचार एजेंसी ‘यूएनबी’ के अनुसार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने रविवार को जमा किए गए उनके नामांकन पत्रों की जांच के बाद अवामी लीग सलाहकार परिषद के सदस्य और पार्टी द्वारा नामित चुप्पू को बांग्लादेश का निर्विरोध निर्वाचित राष्ट्रपति घोषित किया.

खबर में कहा गया है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा बांग्लादेश के नए राष्ट्रपति की नियुक्ति पर सोमवार को एक गजट जारी किया गया.

302 सदस्यों के साथ, एएल पार्टी के पास 350 सीटों वाली राष्ट्रीय संसद में बहुमत है, और किसी अन्य पार्टी के पास राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को नामांकित करने की संख्या नहीं थी. नामांकन प्रक्रिया भी रविवार को समाप्त हो गई.

तीसरे कार्यकाल की इज़ाज़त नहीं

राष्ट्रपति के प्रेस सचिव ने यूएनबी को बताया कि हामिद ने फोन पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति का अभिवादन किया और सोमवार को उनकी सफलता की कामना की.

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अवामी लीग की प्रमुख और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शहाबुद्दीन का नामांकन जमा करने के बाद फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया.

बांग्लादेश में सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति पद पर रहने वाले हामिद का कार्यकाल 23 अप्रैल को समाप्त होगा और संविधान के अनुसार वह तीसरा कार्यकाल नहीं रख सकते हैं.

अवामी लीग के वरिष्ठ नेता और सात बार के विधायक हामिद पिछले दो चुनावों में बांग्लादेश के राष्ट्रपति चुने गए थे. उन्होंने 24 अप्रैल, 2018 को अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली.

शहाबुद्दीन का जन्म 1949 में हुआ था और छात्र वर्षों से ही वे राजनीतिक जीवन जी रहे थे.

जिला और सत्र न्यायाधीश के पद से अपनी सेवानिवृत्ति के बाद चुप्पू ने स्वतंत्र भ्रष्टाचार विरोधी आयोग के आयुक्तों में से एक के रूप में कार्य किया. बाद में वे अवामी लीग सलाहकार परिषद के सदस्य बने, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता और टेक्नोक्रेट शामिल हैं. हालांकि,चुप्पू को राष्ट्र का प्रमुख बनने के लिए पार्टी पद छोड़ना होगा.

बांग्लादेश के उत्तरी जिले पबना के रहने वाले शहाबुद्दीन ने विभिन्न राजनीतिक और राज्य की भूमिकाएं निभाई हैं.

1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान, शहाबुद्दीन उत्तरी क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी थे, एक छात्र नेता और स्वाधीन बांग्ला छत्र संग्राम परिषद के संयोजक के रूप में कार्यरत थे.

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व अवामी लीग प्रेसीडियम के सदस्य मोहम्मद नसीम के साथ उन्होंने युद्ध के दौरान पाबना जिले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

शहाबुद्दीन ने 1983 में न्यायिक सेवा में अपना करियर शुरू किया और 2006 तक जिला न्यायाधीश रहे. उन्होंने 2006 में लेबर कोर्ट के अध्यक्ष, 2008-2011 तक सुप्रीम कोर्ट के वकील और 2011-2016 तक एसीसी के आयुक्त के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया.

हालांकि राष्ट्रपति बांग्लादेश में राज्य का प्रमुख होता है, उसके पास कोई कार्यकारी शक्तियां नहीं होती हैं. यह बस एक औपचारिक पद है.


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