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Saturday, 23 November, 2024
होमखेल‘देश सबसे ऊपर’, प्रतिबंध लगने के बाद दीपा करमाकर की भावुक अपील, कहा- 'पता नहीं मैंने कब सेवन किया'

‘देश सबसे ऊपर’, प्रतिबंध लगने के बाद दीपा करमाकर की भावुक अपील, कहा- ‘पता नहीं मैंने कब सेवन किया’

भारत की स्टार महिला जिम्नास्ट दीपा करमाकर को 21 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. दीपा ने हाइजेनामाइन नामक दवा का इस्तेमाल किया था जो विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी द्वारा प्रतिबंधित है.

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नई दिल्ली: भारतीय स्टार महिला जिम्नास्टिक खिलाड़ी दीपा करमाकर पर 21 महीने का बैन लगाए जाने के बाद उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन किया था.

त्रिपुरा निवासी इस 29 वर्षीय खिलाड़ी का डोपिंग टेस्ट के दौरान शरीर में हिजेनामाइन के नमूने पाए गए. 11 अक्टूबर 2021 को अंतरराष्ट्रीय जिम्नास्टिक महासंघ (एफआईजी) की ओर से अंतरराष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी (आईटीए) द्वारा उनके शरीर से सैंपल लिया गया था. 

महासंघ का फैसला आने के बाद करमाकर ने ट्विटर पर लिखा, ‘आज मेरे द्वारा अपने और अपने करियर के लिए लड़ी गई सबसे लंबी लड़ाइयों में से एक का अंत हो गया है. अक्टूबर 2021 में, मेरा सैंपल टेस्ट के लिए लिया गया था और जांच के लिए भेजा गया था. रिजल्ट में एक प्रतिबंधित पदार्थ की पुष्टि हुई जिसे मैंने अनजाने में लिया था.’

करमाकर पर लगा प्रतिबंध 10 जुलाई 2023 को खत्म होगा क्योंकि उनके शरीर से सैंपल 11 अक्टूबर 2021 को इकट्ठा किया गया था. 

सौहार्दपूर्ण तरीके से मामला सुलझा

दीपा करमाकर ने लिखा, ‘मुझे खुशी है कि इस मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है. मेरा निलंबन 3 महीने कम कर दिया गया है और 2.5 महीने पीछे कर दिया गया है, जिससे मुझे जुलाई 2023 में अपने पसंदीदा खेल में वापसी करने की अनुमति मिली है.’

प्रतिबंध के कारण यह 29 वर्षीय खिलाड़ी विश्व कप श्रृंखला के सभी टूर्नामेंटों और छह विश्व चैलेंज कप श्रृंखलाओं में से कम से कम तीन में नहीं खेल पाएंगी. वह 23 सितंबर से एंटवर्प में शुरू होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर इवेंट वर्ल्ड चैंपियनशिप 2023 के लिए योग्य होंगी. 

दीपा करमाकर ने आगे कहा, ‘यह जानना दुखद रहा है कि यह पदार्थ मेरे शरीर में कैसे प्रवेश किया, हालांकि, उस स्थिति में होना और भी दुखद है जहां मेरी नैतिकता पर सवाल उठाया गया है. मेरे करियर में कभी भी प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करने का विचार मेरे दिमाग में नहीं आया. जिम्नास्टिक ही सब कुछ है. मैं कभी भी ऐसा कुछ नहीं करूंगी जिससे मुझे या मेरे देश को बदनामी मिले.’

करमाकर ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली भारतीय जिम्नास्टिक खिलाड़ी हैं. त्रिपुरा की लड़की ने रियो ओलंपिक 2016 में महिला वॉल्ट फाइनल में चौथा स्थान हासिल करके इतिहास रच दिया, 15.066 अंक के स्कोर के साथ कांस्य पदक से चूक गई, जो स्विट्जरलैंड की कांस्य पदक विजेता गिउलिया स्टिंगरबर से केवल 0.150 कम है.

कर्मकार ने ग्लासगो में 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतकर खेल के इतिहास में ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट बन गई थी. उन्होंने एशियन जिम्नास्टिक चैंपियनशिप में कांस्य जीता और 2015 वर्ल्ड आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक चैंपियनशिप में पांचवां स्थान हासिल किया, यह कमाल पहली बार किसी भारतीय महिला खिलाड़ी ने किया था.


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