नई दिल्लीः पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के बीच तनातनी जारी है. अब पाकिस्तान को भारत की तरफ से जवाबी कार्यावाई का डर सताने लगा है. वह युद्ध की तैयारी में लग गया है. यहां तक कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को भारत के किसी भी तरह के दबाव में न आने को कहा है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने इससे संबंधित दो दस्तावेजों का हवाला दिया है. एक बलूचिस्तान स्थित पाकिस्तानी सेना और दूसरा स्थानीय प्रशासन ने पाक अधिकृत कश्मीर को भेजा है.
क्वेटा कैंटोंमेंट स्थित पाकिस्तानी सेना के बेस हेडक्वाटर्स क्वेटा लॉजिस्टिक्स एरिया की ओर से जिलानी अस्पताल को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें भारत से संभावित युद्ध के हालात में चिकित्सकीय इंतजाम को लेकर तैयार रहने को कहा गया है.
एचक्यूएलए के वन एशिया नाज के फोर्स कमांडर अब्दुल मलिक ने जिलानी अस्पताल को पत्र में लिखा है, ‘ पूर्वी मोर्चे पर आपातकाल की हालात में क्वेटा लॉजिस्टिक्स एरिया में सिंध और पंजाब के नागरिक और सैन्य अस्पतालों से घायल सैनिकों के आने की उम्मीद है. शुरुआती मेडिकल इलाज के बाद तैयारी है कि इन सैनिकों को सैन्य और नागरिक सार्वजनिका क्षेत्र से बलूचिस्तान के नागरिक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जब तक कि सीएमएच (सिविल मिलिट्री हॉस्पिटल) में बेड की उपलब्धता नहीं होती है.’
पाकिस्तान ने लगाया हाफिज सईद के संगठनों पर दोबारा प्रतिबंध
पाकिस्तान ने गुरुवार को हाफिद सईद के जमात-उद-दावा (जेयूडी) और खैराती इकाई फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर एक बार फिर प्रतिबंध लगा दिया है. सईद ने अपने संगठन लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इन संगठनों को शुरू किया था.
मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि यह फैसला प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में लिया गया. इस बैठक में पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद की भू-रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के माहौल पर चर्चा की गई. दोनों संगठनों पर पिछले साल फरवरी में भी रोक लगाया गया था, लेकिन रोक की अवधि खत्म हो गई थी. इसके बाद एक बार फिर इन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया है.