नई दिल्ली: पहली बार कर्तव्य पथ पर 74वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान परंपरागत 21 तोपों की सलामी 105 एमएम की भारतीय फील्ड तोपों से दी गयी जिन्हें 25-पाउंडर तोपों की जगह लाया गया है.
इससे पहले तक राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान परंपरागत सलामी के लिए 2281 फील्ड रेजीमेंट में शामिल 1940 के समय की सात तोपों का इस्तेमाल किया जाता था.
सूत्रों के अनुसार ब्रिटेन में निर्मित इन तोपों ने द्वितीय विश्व युद्ध में भी भाग लिया था.
कर्तव्य पथ पर गुरुवार को सुबह 10:30 बजे शुरू हुई परेड के दौरान भारत की सैन्य क्षमता और सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत किया गया.
परंपरा के अनुसार तिरंगा फहराने के बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान की धुन बजाई गयी. परंपरागत सलामी 105 एमएम की भारतीय फील्ड तोपों से दी गयी.
सेना ने ट्वीट किया, ‘‘21 तोपों की ऐतिहासिक सलामी. गणतंत्र दिवस के मौके पर पहली बार 8711 फील्ड बैटरी के तोपचियों ने स्वदेश निर्मित 105 एमएम की भारतीय फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी.’’
पारंपरिक 21-तोपों की सलामी की अवधि राष्ट्रगान की अवधि (52 सेकेंड) के समान है.
दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हम स्वदेशीकरण की ओर जा रहे हैं और वह समय दूर नहीं जब सभी उपकरण स्वदेशी होंगे.’’
उन्होंने बताया कि सेना द्वारा 74वें गणतंत्र दिवस की परेड में प्रदर्शित किए जा रहे सभी उपकरण भारत में बने हैं जिनमें आकाश हथियार प्रणाली और हेलीकॉप्टर, रुद्र और एएलएच ध्रुव शामिल हैं.
कुमार ने बताया,‘‘इस साल 21 तोपों की सलामी 105 मिलीमीटर की भारतीय तोपों से दी जाएगी जो 25-पाउंडर का स्थान लेंगी.’’
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