नई दिल्ली : डीजीसीए ने एयर इंडिया में एक पुरुष यात्री द्वारा एक महिला यात्री पर पेशाब करने के मामले में 30 लाख जुर्माना लगाया है. इसके साथ फ्लाइट के पायलट-इन-कमांड की अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम होने पर 3 महीने के लिए लाइसेंस को रद्द कर दिया है. और एआई की निदेशक-इन-फ्लाइट सेवाओं पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
Air India (AI) passenger urinating case of Nov 26 |
DGCA imposes a fine of Rs 30 lakhs on Air India for violation of rules, suspends the license of Pilot-In-Command of the flight for 3 months for failing to discharge his duties&Rs 3 lakhs fine on AI's Director-in-flight services— ANI (@ANI) January 20, 2023
वहीं इससे पहले दिप्रिंट ने एक रिपोर्ट छापी थी जिसमें एयर इंडिया के कर्मचारियों ने इस तरह की घटना को आम बताया था.
एयर इंडिया ने दिया था घटना पर ये जवाब
टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने 8 जनवरी को कहा था कि शराब के नशे में एक यात्री द्वारा एक महिला पर कथित रूप से पेशाब करने की घटना पर एयर इंडिया की प्रतिक्रिया ‘अधिक तेज’ होनी चाहिए थी.
पिछले साल एयर इंडिया की एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान के दौरान यह घटना हुई. इसके बाद नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस बारे में टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन से जवाब मांगा था.
चंद्रशेखरन ने बयान में कहा था, ‘हम इस घटना को उस तरह से संभालने में विफल रहे, जिस तरह से हमें इसे संभालना चाहिए था.’
एक चौंकाने वाली घटना में नशे में धुत एक व्यक्ति ने पिछले साल 26 नवंबर को एयर इंडिया की न्यूयॉर्क-नयी दिल्ली उड़ान की ‘बिजनेस श्रेणी’ में करीब 70 वर्षीय एक महिला सह-यात्री पर कथित तौर पर पेशाब किया था.
आरोपी शंकर मिश्रा को दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था.
चंद्रशेखरन ने कहा था कि मेरे और एयर इंडिया के मेरे सहयोगियों के लिए 26 नवंबर, 2022 को एयर इंडिया की उड़ान एआई102 की घटना व्यक्तिगत पीड़ा का विषय है. एयर इंडिया की प्रतिक्रिया अधिक तेज होनी चाहिए थी. हम इस स्थिति को उस तरह से संभालने में विफल रहे, जिस तरह से हमें इसे संभालना चाहिए था.
उन्होंने कहा था कि टाटा समूह और एयर इंडिया अपने यात्रियों की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह तत्पर हैं. हम इस तरह की अनियंत्रित प्रकृति की किसी भी घटना को रोकने या उससे निपटने के लिए समीक्षा करेंगे और हरसंभव व्यवस्था करेंगे.’
डीजीसीए ने कहा था है कि इस घटना से निपटने में एयर इंडिया का आचरण ‘पेशेवराना’ नहीं था और उसने एयरलाइन, उसकी उड़ान सेवाओं के निदेशक और उड़ान संचालित करने वाले चालक दल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
क्या AIR INDIA ने प्रोटोकॉल का पालन किया?
इससे पहले प्राथमिकी दर्ज होने के एक दिन बाद 5 जनवरी को एयर इंडिया ने डीजीसीए को बताया था कि उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को घटना के बारे में सूचित नहीं किया क्योंकि महिला ने ‘कार्रवाई के अनुरोध को टाल दिया.’ डीजीसीए ने विमान में सवार एयर इंडिया के सभी 20 क्रू सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया था कि एक रिपोर्ट दर्ज की गई थी, एयर इंडिया के सूत्रों ने पुष्टि की कि न केवल एयरलाइन के टॉप प्रबंधन को मेल में मार्क किया गया था, बल्कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के कम से कम दो सदस्यों को सूचित किया गया था.
एक इंटरनल ईमेल में, कैंपबेल विल्सन, सीईओ और प्रबंध निदेशक, एयर इंडिया ने कथित तौर पर कर्मचारियों को बताया था, ‘हमारी फ्लाइट में इस तरह की अनुचित घटना हुई है, हमें इसे जल्द से जल्द अधिकारियों को रिपोर्ट करना चाहिए, भले ही हमें मानते हों कि इसमें शामिल पक्षों के बीच मामला सुलझा लिया गया है.’
अपने एक बयान में, विल्सन ने कहा था कि चार केबिन क्रू सदस्यों और एक पायलट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और जांच लंबित है.
दिल्ली पुलिस ने एयर इंडिया की फ्लाइट के पायलट समेत क्रू के आठ सदस्यों को भी समन जारी किया था. सूत्रों ने पुष्टि की कि क्रू के चार सदस्य पहले ही जांच में शामिल हो चुके हैं.
विल्सन के बयान में कहा गया था कि, ‘इस बात की इंटर्नल जांच की जा रही है कि फ्लाइट में शराब पीने, घटना से निपटने, बोर्ड को शिकायत करने और शिकायत से निपटने समेत कर्मचारियों से कोई चूक हुई है या नहीं.’
उन्होंने कहा कि पीड़ित पैसेंजर से शिकायत मिलने पर एयरलाइन ने 30 नवंबर को महिला और उसके परिवार से संपर्क किया गया था. एयरलाइन का कहना है कि टिकट का रिफंड 2 दिसंबर को किया गया, लेकिन महिला के परिवार ने 16 दिसंबर को पैसे आने की बात स्वीकार की है.
मामले की समीक्षा के लिए 10 दिसंबर को एक आंतरिक समिति का गठन किया गया था, जिसके बाद मिश्रा पर 30 दिन के लिए उड़ान भरने का प्रतिबंध लगाया गया है.
उन्होंने कहा था कि 20, 21, 26 और 30 दिसंबर को एयरलाइन के वरिष्ठ कर्मचारियों, पीड़िता और उसके परिवार के बीच कार्रवाई और चर्चा के लिए चार बैठकें की गईं.
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