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Friday, 22 November, 2024
होमदेशNIA ने BJP नेता प्रवीण नेट्टारू मर्डर केस में PFI के 2 सदस्यों के खिलाफ 5 लाख का इनाम घोषित किया

NIA ने BJP नेता प्रवीण नेट्टारू मर्डर केस में PFI के 2 सदस्यों के खिलाफ 5 लाख का इनाम घोषित किया

पीएफआई के ये सदस्य बेल्लारे के निवासी नेट्टारू और भाजपा युवा मोर्चा के दिवंगत जिला सचिव की हत्या के मामले में वांटेड हैं.

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नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बीजेपी युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेट्टारू के मर्डर मामले में वांछित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दो सदस्यों के खिलाफ 5-5 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है.

कर्नाटक के कन्नड़ जिले के दोनों निवासी कदजे मोहम्मद शेरिफ (53) और मसूद केए (40) के खिलाफ इनाम घोषित किया गया है. एनआईए ने साफ कर दिया है कि सूचना साझा करने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी. पीएफआई के सदस्य बेल्लारे के निवासी नेट्टारू और भाजपा युवा मोर्चा के दिवंगत जिला सचिव की हत्या के मामले में वांछित हैं, जिनकी 26 जुलाई, 2022 को समाज के लोगों में आतंक फैलाने को लेकर उनकी दुकान के बाहर हत्या कर दी गई थी.

आतंकवाद रोधी एजेंसी ने कहा है कि जानकारी साझा करने वाले लोग ‘info.blr.niauw gov.in’ और ‘080-29510900, 8904241100′ पर संपर्क कर सकते हैं या एसपी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, 8वीं मंजिल, सर एम विश्वेश्वरैया केंद्रीय भवन, डोमलूर, बेंगलुरु-560071’ डाक पते पर जानकारी भेज सकते हैं.

अब तक इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और एनआईए ने इस मामले में 4 और फरार लोगों के खिलाफ भी इनाम की घोषणा की है.

मामला 27 जुलाई को दक्षिणी कन्नड़ जिले में बेल्लारे पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और इसे दोबारा 4 अगस्त को एनआईए ने दर्ज किया था.

इससे पहले कई सारे जांच अभियान चलाए गए, एनआईए ने दावा किया है कि आरोपियों और संदिग्धों के घर से डिजिटल डिवाइसेज और दस्तावेज जब्त किए गए हैं.

26 जुलाई की रात को एक वाहन में तीन लोग आए थे और मंगलुरु के बेल्लारे में पुत्तूर-सुलिया रोड पर चिकन की दुकान के बाहर 32 वर्षीय नेट्टारू की हत्या कर दी थी.

जांच के दौरान, राज्य पुलिस की पीएफआई की भूमिका का पता चला और गृह मंत्रालय (एमएचए) के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन डिवीजन द्वारा जारी एक आदेश के बाद मामला एनआईए को सौंप दिया गया.

गृह मंत्रालय ने सितंबर के अंत में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत पीएफआई, उसके सहयोगी और संबंद्ध संगठनों को गैरकानूनी घोषित करके पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंधित कर दिया था.

नेट्टारू की हत्या में संलिप्तता के अलावा, PFI कैडरों पर कई आतंकवादी कृत्यों और संजीत (केरल, नवंबर 2021), वी-रामलिंगम (तमिलनाडु, 2019), नंदू (केरल, 2021), अभिमन्यु (केरल, 2018), बिबिन (केरल, 2017), शरथ (कामटक, 2017), आर रुद्रेश (कामटक, 2016), प्रवीण पुयारी (कर्नाटक, 2016), और शशि कुमार (तमिलनाडु, 2016) समेत कई व्यक्तियों की हत्या में शामिल होने का भी आरोप है.

एमएचए ने कहा है कि पीएफआई कैडरों द्वारा ‘सार्वजनिक शांति को भंग करने और जनता के मन में आतंक का शासन बनाना’ के मकसद से आपराधिक गतिविधियों और नृशंस हत्याओं को अंजाम दिया गया है.

MHA ने ‘वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ PFI के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों’ के बारे में भी जिक्र किया है, और संगठन के कुछ कार्यकर्ता इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) में शामिल हो गए हैं और सीरिया, इराक और अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों में हिस्सा लिया है.

आईएसआईएस से जुड़े इन पीएफआई कैडर में से कुछ इन झड़पों में मारे गए हैं और कुछ को राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया है और पीएफआई के जमात-उल-मुयाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी), एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के साथ संबंध हैं.


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