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Sunday, 3 November, 2024
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फिनलैंड पर क्यों अड़े केजरीवाल? बेस्ट है वहां की शिक्षा, लगातार बना हुआ है दुनिया का खुशहाल देश

विश्व स्तरीय शिक्षा के अलावा, फिनलैंड सुरक्षित, आधुनिक और प्रगतिशील है. फ़िनलैंड भी लगातार दुनिया का सबसे खुशहाल देश है.

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नई दिल्ली: शिक्षा की बात आने पर फ़िनलैंड के इनोवेटिव एजुकेशन सिस्टम का नाम जरूर आता है. फ़िनलैंड में प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक की शिक्षा मुफ़्त है. इसके अलावा, फिनलैंड के टीचर्स सबसे अधिक पढ़े लिखे तो हैं ही साथ ही अपने काम के प्रति भी प्रतिबद्ध हैं.

देश और दुनिया में दिल्ली में एजुकेशन को बेहतरीन बताने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री और उप राज्यपाल के बीच एकबार फिर घमासान शुरू हो गया है. सोमवार को ये खींचतान हमें दिल्ली की सड़कों पर और विधानसभा में भी खूब दिखाई दी जब केजरीवाल ने अपने भाषण के दौरान कौन है एलजी?

अब यहां जरूरी है यह जानना कि आखिर क्यों शिक्षकों को फिनलैंड भेजने पर अड़े हैं केजरीवाल.

बता दे कि फिनलैंड दुनिया का 8वां सबसे शिक्षित देश है. देशों के शिक्षा रैंकिंग के अनुसार फ़िनलैंड 2021 में तीसरे स्थान पर था. फिनलैंड की हाई स्कूल एजुकेशन रैंकिंग 100 प्रतिशत है. विश्व आर्थिक मंच के वैश्विक कॉम्पिटिटिव अध्ययन ने फ़िनलैंड को दुनिया में सबसे अच्छी तरह से विकसित शिक्षा का स्थान दिया है.

फिनलैंड में वहां के नागरिकों के साथ-साथ यूरोपीय संघ (ईयू) और यूरोपियन इकोनॉमिक एरिया (ईईए) के देशों से आने वाले छात्रों के लिए भी मुफ़्त शिक्षा की प्रणाली है क्योंकि फिनलैंड में शिक्षा को सभी के लिए समान अधिकार माना जाता है.

सीखने का माहौल

फिनलैंड में समग्र शिक्षण प्रणाली एवं सीखने के माहौल को बनाने के साथ-साथ समानता पर सबसे ज़्यादा जोर दिया जाता है.

फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली छात्रों में टीम वर्क, सहयोग और कौशल को विकसित करके स्कूलों में प्रतिस्पर्धा का एक सहज माहौल तैयार करता है.

यहां के छात्रों को चीज़े रटाने से ज्यादा कांसेप्ट समझाने में अधिक ध्यान दिया जाता है. फिनलैंड ने 1970 से ही अपनी शिक्षा प्रणाली को मज़बूत करना शुरू कर दिया था.

यहां छात्रों को बहुत कम होमवर्क मिलता है और वे लगभग सारा काम स्कूल के समय में ही पूरा कर लेते हैं. फिनिस छात्रों को उनके स्कूलों से मुफ्त स्वस्थ भोजन भी दिया जाता है.

फ़िनलैंड अपने स्कूलों के साथ जो कर रहा है उसमें एक सामान्य प्रवृत्ति है बच्चों  में पढ़ाई को लेकर तनाव न हो, उनपर रूल रेगुलेशन न थोपे जाएं यहां तक की उनकी देखभाल अच्छे तरीके से की जाए. यहां तक की बच्चों को कॉपी किताब लेकर कक्षा में पढ़ना जरूरी नहीं है, ऐसी कक्षाएं आमतौर पर एक दिन में केवल एक या फिर दो ही होती हैं.


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बचपन का आनंद लेना है जरुरी

फ़िनलैंड में प्रारंभिक शिक्षा शुरू करने की न्यूनतम आयु 7 वर्ष है, इस प्रकार फ़िनलैंड के बच्चों को अपने बचपन का आनंद लेने और स्कूलों में अत्यधिक समय बिताने के बजाय अपने परिवार के साथ सीखने की शुरुआत करने का मौका मिलता है.

फिनिस शिक्षक कक्षा परीक्षाओं और मानकीकृत परीक्षणों पर भरोसा करने के बजाय छात्रों के लिए अपनी ग्रेडिंग प्रणाली तैयार करते हैं. फ़िनलैंड के छात्र जो एकमात्र अनिवार्य परीक्षा देते हैं, वह 16 वर्ष की आयु में होती है. फ़िनलैंड के शिक्षक हर दिन कक्षा में पढ़ाने में केवल 4 घंटे खर्च करते हैं जबकि वे पेशेवर विकास के लिए हर हफ्ते 2 घंटे समर्पित करते हैं.

2018 में, फिनलैंड में साक्षरता दर 99.0% थी जो कि साक्षरता दर के स्थान पर दुनिया में सबसे अधिक है, इसकी 15 वर्ष की आयु के वाले बच्चों कि लिखने पढ़ने की साक्षरता 100% है.

बच्चों के पास अपना खाना खाने, मनोरंजक गतिविधियों का आनंद लेने और आमतौर पर आराम करने के लिए कई बार समय दिया जाता है. पूरे दिन में 15 से 20 मिनट के अंतराल होते हैं जहां बच्चे उठ सकते हैं और कुछ ताजी हवा ले सकते हैं.

विश्व स्तरीय शिक्षा के अलावा, फिनलैंड सुरक्षित, आधुनिक और प्रगतिशील है. फ़िनलैंड भी लगातार दुनिया का सबसे खुशहाल देश है.

शिक्षकों की जिम्मेदारी

फ़िनलैंड के शिक्षकों के पास मास्टर डिग्री होना जरुरी है साथ ही उन्हें प्रारंभिक प्रशिक्षण की भी आवश्यकता होती है, जिसमें शिक्षण अभ्यास भी शामिल है.

क्लास टीचर पर पढ़ाने के साथ-साथ बच्चों का मार्गदर्शन करने का भी जिम्मेदारी शामिल है.

जिस तरह से फिनलैंड की एजुकेशन सिस्टम पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन चुकी है इसे देखते हुए दिल्ली सरकार भी अपनी शिक्षा प्रणाली को फिनलैंड जैसा रंग रूप देना चाहती है. जिसके लिए दिल्ली सरकार यहां के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजना चाहती है.

फिनलैंड में शिक्षकों को भी तनाव रहित वातावरण प्रदान किया जाता है. पूरे फ़िनिस स्कूलों में शिक्षक कक्ष स्थापित किए गए हैं, जहां वे मौज-मस्ती कर सकते हैं और आराम कर सकते हैं, साथ ही दिन की तैयारी कर सकते हैं.

जानकारी के अनुसार दिल्ली के एलजी ने दिल्ली सरकार के शिक्षकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. हालांकि एलजी ने इस बात से इनकार किया है.

दिल्ली सरकार के अनुसार, स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) ने दिसंबर 2022 और मार्च 2023 में 30 शिक्षकों के दो समूहों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड में जैवस्काइला विश्वविद्यालय भेजने की योजना बनाई है.

यह दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्राथमिक प्रभारियों और एससीईआरटी के शिक्षक शिक्षकों के लिए 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम है.


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