नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले पर विचार-विमर्श के लिए विपक्षी दलों ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक बैठक की मांग की है. जम्मू एवं कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक काफिले पर भयावह हमले के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में उन्होंने यह मांग रखी. शुक्रवार तक इस हमले में शहीद जवानों की संख्या 49 हो गई थी.
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कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजादी ने बैठक के बाद मीडिया को बताया, ‘हमने गृहमंत्री से कहा कि वह प्रधानमंत्री से अनुरोध करें कि वह सभी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के अध्यक्षों की एक बैठक बुलाएं और इस मुद्दे पर चर्चा करें.’
आजाद ने कहा कि आतंकवाद के खात्मे के लिए कांग्रेस का सरकार को पूरा समर्थन है. उन्होंने कहा, ‘सरकार के साथ हमारे मतभेद हैं और रहेंगे, लेकिन देश, उसकी सुरक्षा व एकता, लोगों व सुरक्षा बलों की सुरक्षा की खातिर हमने सरकार के साथ खड़ा होने का फैसला किया है.’
उन्होंने कहा, ‘हम आतंकवाद के खात्मे के लिए सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सीआरपीएफ, जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के साथ हैं.’
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उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब 1947 के बाद से गैर-युद्ध हालात में इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं.
आजाद ने कहा, ‘देश दुखी और गुस्से में है. लोग व राजनेता अपने धर्म, जाति, क्षेत्र का विचार किए बिना शोक में हैं. चाहे कश्मीर हो या देश का कोई दूसरा हिस्सा, कांग्रेस आतंकवाद से निपटने में सरकार को अपना पूरा सहयोग देगी.’
उन्होंने कहा कि बैठक में उनकी मांग का अन्य दलों ने भी समर्थन किया है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता डी. राजा ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए ऐसी बैठक होनी चाहिए और सरकार को राज्य में शांति व हालात सामान्य बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए.
राजा ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, ‘सभी दलों ने हमले की निंदा की है और उन्होंने इस चुनौतीपूर्ण क्षण में सुरक्षा बलों के साथ ढृढ़ता से खड़े रहने की बात दोहराई है.’
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ किसी प्रकार का विरोध नहीं करने की भी सलाह दी है.
राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के जयप्रकाश नारायण यादव, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख व केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, कांग्रेस के आनंद शर्मा, तेलुगू देशम पार्टी के राम मोहन नायडू बैठक में उपस्थित होने वाले नेताओं में शामिल थे.