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Friday, 22 November, 2024
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जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ की टुकड़ी पर फिदायीन हमला, 39 जवान मारे गए

जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ की टुकड़ी पर घात लगाकर किए गए फिदायीन हमले में अबतक करीब 39 जवान मारे गए हैं जबकि कई जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.

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नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतिपुरा शहर में एक सीआरपीएफ की टुकड़ी पर घात लगाकर किए गए आतंकी हमले में करीब 39 जवान मारे गए हैं. जबकि दर्जनभर जवान गंभीर रूप से घायल हैं. यह हमला श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर गुरुवार को आतंकवादियों ने आईईडी विस्फोट कर किया गया. उसके बाद आतंकियों ने जवान की टुकड़ी पर गोलीबारी भी की है. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह ने ली है. काफ़िले पर हमला दोपहर 3.15 मिनट पर हुआ. जवानों पर हुए इस आतंकी हमले के मद्देनजर दिल्ली में कैबिनेट स्तर की बैठ होगी जिसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो जाएंगे. 1989 में घाटी में आतंक के सिर उठाने के बाद इस  हमले को अबतक का सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है.

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कल सुरक्षा दलों और कैबिनेट की होगी मीटिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की निंदा की है और उन्होंने ट्वीट किया कि पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमला  निंदनीय है. हमारे बहादुर सुरक्षाकर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. पूरा देश बहादुर शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है.

प्रधानमंत्री ने पुलवामा हमले के मद्देनजर स्थिति को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी और अन्य शीर्ष अधिकारियों से भी बात की है. वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि हम अपने जवानों की इस शहादत को जाया नहीं जाने देंगे. उन्होंने देश की जनता को भरोसा दिलाया है कि इस घटना के बाद जो भी कार्रवाई करना आवश्यक है उसे करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.

गृहमंत्री ने एक के बाद एक ट्वीट कर देश को भरोसा दिलाया है कि वह जवानों की शहादत को बेकार नहीं जाने देंगे. उन्होंने कहा है कि आज पाकिस्तान स्थित और उनके द्वारा संरक्षित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद ने कश्मीर में अक हृदय विदारक हमला किया जिसकी मैं और सारा देश भर्त्सना करता है.उन्होंने लिखा कि इस आतंकी हमले का समुचित जबाब देने के लिए सारा देश एकजुट है.

हमले की आशंका से किया था सतर्क

वहीं इसबीच इंटेलीजेंस का एक पत्र सामने आया है जिसमें किसी आतंकी बड़े आतंकी हमले की आशंका को लेकर सतर्क किया गया था. यह पत्र आठ फरवरी का है और इसमें ‘अति महत्वपूर्ण’ लिखकर कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ उत्तर-दक्षिण श्रीनगर, अनंतनाग, कश्मीर स्पेशल ऑपरेशंस सहित सभी सुरक्षा एजेंसी को सर्तक रहने की जानकारी दी गई थी.

आतंकी हमले से सतर्क रहने के लिए 6 फरवरी को पत्र लिखा था

प्रियंका गांधी ने कैंसिल की प्रेस कांफ्रेंस

वहीं मामले में प्रियंका गांधी ने एक प्रेस व्यक्तव्य जारी कर पुलवामा हमले में मारे गये जवानों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा, ‘जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों के हमले में मारे गये जवानों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं. मैं जवानों के खोने का उनके परिवार का दर्द और दुख अच्छी तरह समझती हूं. मैं यह कहना चाहती हूं कि न केवल कांग्रेस पार्टी, बल्कि पूरा देश हमारे बहादुर जवानों के परिवार साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. लेकिन हम कश्मीर में आये दिन शहीद हो रहे जवानों को लेकर चिंतित हैं. हम सरकार से मांग करते हैं कि वह ठोस कदम उठाये ताकि भविष्य में ऐसी घटना को रोका जा सके.

वहीं पुलवामा आतंकी हमले के चलते प्रियंका ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द की. उन्होंने कहा कि यह राजनीति पर बात करने का उचित समय नहीं है.

एएनआई ने ट्वीट में सीआरपीएफ का हवाला देते हुए कहा है कि इस टुकड़ी में 78 गाड़िया जा रही थीं. जिसमें से एक गाड़ी इस हमले का शिकार हुई है. सीआरपीएफ की टुकड़ी जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रही थी. बता दें कि एक गाड़ी में आईईडी भर कर आतंकियों ने सीआरपीएफ की टुकड़ी पर हमला किया है, इस विस्फोट के बाद टुकड़ी पर गोलीबारी भी की गई है. स्थानीय सूत्रों के अनुसार एक आतंकी जिसका नाम आदिल अहमद है जो खुद को जैश का आतंकी बता रहा है उसने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.

जैश ए मोहम्मद के प्रवक्ता मोहम्मद हसन ने वक्तव्य में कहा है,’ दर्जनों फोर्सेज की गाड़ियों को इस हमले में नष्ट किया गया है, जिस गाड़ी से टुकड़ी पर फिदायीन हमला किया गया उसका चालक आदिल अहमद उर्फ वक़ास कमांडो था, जो गुंडी बाग, पुलवामा का ही रहने वाला था.

सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डीजी भटनागर ने कहा कि सीआरपीएफ की इस टुकड़ी में 2547 जवान थे.

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इस पागलपन के खत्म होने से पहले कितने और लोगों की जाने जाएंगी.

वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि यह फिदायीन हमला 2004-05 के पहले के काले दिनों की याद करा दी है.

श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा में यह आतंकवादी हमला हुआ किया गया है. सूत्रों ने कहा कि शहीद जवानों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ घायल जवानों की हालत बहुत गंभीर है.

(आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)

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