कुरुक्षेत्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जनता, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं से पिछले लगभग चार सालों में बने करोड़ों शौचालयों का उपयोग सुनिश्चित करने का आह्वान किया, जिससे खुले में शौच से पूरी तरह से मुक्ति मिल सके. ‘स्वच्छ भारत अभियान’ में महिलाओं को सबसे आगे रहने का श्रेय देते हुए मोदी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में महिलाएं स्वच्छता बनाए रखने के लिए कठिन परिश्रम कर रहीं हैं.
मोदी मंगलवार को चंडीगढ़ से करीब 100 किलोमीटर दूर कुरुक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर के मेला ग्राउंड से स्वच्छ शक्ति-2019 कार्यक्रम का शुभारंभ करने यहां पहुंचे. मोदी ने कार्यक्रम के अपने संबोधन में कहा, ‘पिछले साढ़े चार सालों में देशभर में लगभग 10 करोड़ शौचालय बनाए जा चुके हैं. हमें यह सुनिश्चित करना है कि इनका उपयोग हो रहा है.’
प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महाउत्सव में स्वच्छता सुनिश्चित की गई जिसने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा. उन्होंने कहा, ‘हम हमारे आस-पास और देश में स्वच्छता को बेहतर करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यहां तक कि अन्य देश भी इस वृहद स्वच्छता अभियान पर ध्यान दे रहे हैं.’
मोदी ने कहा, ‘मैं जब लाल किले से शौचालय के बारे में बात करता हूं तो अन्य दलों के लोग मेरा मजाक उड़ाते हैं. मैं एक महिला की स्थिति समझ सकता हूं जिसे शौच के लिए बाहर जाना पड़ता था. उन्होंने कहा, ‘सोने का चम्मच मुंह में रखकर पैदा होने वालों द्वारा उपहास उड़ाने पर मैं दुखी नहीं होता. मैं महिलाओं को बेहतर जीवन मुहैया कराने के लिए अपने प्रयास जारी रखूंगा.’
कांग्रेस पर हमला करते हुए मोदी ने कहा, ‘कुछ लोग समझते हैं कि भारत का इतिहास 1947 से और सिर्फ उनके परिवार से शुरू हुआ. इससे देश अपने इतिहास की जड़ों से कट गया.’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने न सिर्फ देश को साफ करने के प्रयास किए, बल्कि इसे भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों से भी साफ करने का प्रयास किया.
मोदी ने कहा, ‘भ्रष्ट लोग ‘चौकीदार’ से डर रहे हैं. वे मुझे धमकियां दे रहे हैं और मेरे बारे में बहुत कुछ बोल रहे हैं. मैं ऐसे भ्रष्ट लोगों से न डरा हुआ हूं और न ही मैं अपने देश को ऐसे भ्रष्ट लोगों से आजाद करने का प्रयास बंद करने वाला हूं.’
कई परियोजनाओं का किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हरियाणा में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया. उन्होंने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, पंचकुला, पंडित दीन दयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (करनाल), श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय (कुरुक्षेत्र) और ‘बैटल ऑफ पानीपत’ संग्रहालय की आधारशिला रखी. झज्जर जिले में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान और फरीदाबाद में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का भी उद्घाटन किया.
दुनिया में अपनी तरह का पहला श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय, आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणालियों के माध्यम से शिक्षा और उपचार की सुविधा प्रदान करेगा. करीब 475 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लगभग 94.5 एकड़ भूमि पर इसका निर्माण किया जाएगा.
करीब 2,035 करोड़ रुपये की लागत से झज्जर जिले के बाधसा में बनाए गए राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में 710 बेड हैं. चिकित्सकों के कमरों के अलावा, संस्थान में मरीजों के परिचारकों के लिए लगभग 800 कमरों का निर्माण किया गया है. राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान आयुर्वेद के क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा. इसका निर्माण केंद्र सरकार की वित्तीय मदद से 19.87 एकड़ भूमि पर किया जाएगा. इसके निर्माण पर लगभग 270.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे.