रायपुर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण बिल के मुद्दे पर देरी करने को लेकर एक बार फिर राज्यपाल और बीजेपी पर रविवार को हमला बोला है, जो कि राज्य विधानसभा पास हो चुका है.
उन्होंने कहा, ‘विधानसभा में जो विधेयक पारित हो गया, उसे विधानसभा की संपत्ति कहा जाता है. वह विधानसभा से राजभवन में गया है, जो कि लंबित है. राज्यपाल को या तो उस पर हस्ताक्षर करना चाहिए या उसे विधानसभा को वापस करें.’ 2 दिसंबर को विधानसभा में विधेयक पारित हुआ था. एक महीने के बाद भी, सरकार की हठधर्मिता के कारण पूरे राज्य में नौकरी पाने के इच्छुक छात्रों और युवाओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है.’
सीएम बघेल साल के पहले दिन मजदूरों के बीच कंबल वितरण कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित रायपुर उत्तर विधायक कुलदीप जुनेजा, मेयर एजाज ढेबर और पूर्व मेयर प्रमोद दुबे मौजूद रहे.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार विधानसभा सत्र कल से शुरू होने वाला है.
सरकार की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर सीएम बघेल ने आरक्षण बिल का मुद्दे को सबसे आगे रखा.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘बीजेपी ने राज्यसभा के अंदर तो आरक्षण बिल का समर्थन किया है, लेकिन बाहर समर्थन नहीं कर रही है. जिला भाजपा कार्यालय से पर्ची मंगवाकर यह सब किया जा रहा है, इसलिए गड़बड़ी हो रही है.’
सीएम भूपेश बघेल ने सोमवार को कहा था कि राज्य विधानसभा में पारित आरक्षण विधेयक पर राज्य की राज्यपाल अनुसुइया उइके के हस्ताक्षर में देरी को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी बड़ी रैली निकालेगी.
सीएम बघेल ने उक्त टिप्पणी रायपुर स्थित कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान की. बैठक प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा की अध्यक्षता में आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति और हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा पर चर्चा के लिए हुई.
सीएम बघेल ने उक्त टिप्पणी रायपुर स्थित कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान यह बात कही. बैठक प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा की अध्यक्षता में आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति और हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा पर चर्चा को लेकर हुई.
उन्होंने कहा, ‘कुमारी शैलजा प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी बनने के बाद पहली बार आई हैं. बैठक में कई फैसले लिये गये. उन्होंने 26 जनवरी से शुरू होने जा रहे हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर निर्देश दिये. इस अवसर पर आरक्षण के मुद्दे पर भी चर्चा हुई.’
इसी बैठक में आगामी रणनीति, हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा और 2023 के विधानसभा चुनाव पर चर्चा कर कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश दिए.
सीएम बघेल ने यह भी कहा, ‘पहली बात तो यह है कि राज्य विधानसभा में आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पारित हुआ है. क्या राज्यपाल का कानूनी सलाहकार राज्य विधानसभा से बड़ा हो गया है? संवैधानिक संस्थाओं को नीचा दिखाना या कमजोर करने के लिए कैसे प्रयास किए जा रहे हैं, यह इसका जीता जागता उदाहरण है.’
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