नई दिल्ली: भारतीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को असम में विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
परिसीमन की प्रक्रिया नागरिक प्रतिनिधित्व कानून 1950 की धारा 8ए के अंतर्गत आती है.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे और अरुण गोयल के नेतृत्व वाली समिति ने असम के प्रमुख चुनाव अधिकारी को राज्य सरकार के समक्ष इस मामले को रखने का निर्देश दिया था.’
राज्य में विधानसभाओं के परिसीमन के लिए 2001 की जनगणना के आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाएगा.
बयान में आगे लिखा है, ‘विधानसभाओं के परिसीमन के लिए समिति अपने दिशानिर्देश और तौर-तरीकों को डिजाइन करेगा. परिसीमन की प्रक्रिया के दौरान प्रशासनिक यूनिट की सीमाओं, संचार, लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखा जाएगा.’
साथ ही जब असम में परिसीमन का मसौदा तैयार हो जाएगा तब उसे केंद्र और राज्य के गजट में प्रकाशित किया जाएगा ताकि लोग उस पर अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करा सके.
परिसीमन कानून 1972 के प्रावधानों के अनुसार, राज्य में अंतिम परिसीमन 1971 की जनगणना के आधार पर हुआ था जिसे 1976 में तब की परिसीमन कमीशन ने किया था.
यह भी पढ़ें: उद्धव ने महाराष्ट्र विधानसभा में पेश शिंदे सरकार के प्रस्ताव का किया समर्थन, UT की मांग दोहराई