नई दिल्ली: लोकसभा में शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय से जुड़े ताजा खुलासे को लेकर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने मामले को लेकर मचे घमासान पर जवाब दिया. इसके बाद फिर सदस्यों के हंगामा करने पर कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
Defence Minister Nirmala Sitharaman in Lok Sabha: Then Defence Minister Manohar Parrikar ji replied to that MoD note that remain calm, nothing to worry, everything is going alright. Now, what do you call the NAC led by Sonia Gandhi's interference in earlier PMO? What was that? pic.twitter.com/jB4z5kJCd3
— ANI (@ANI) February 8, 2019
सीतारमण ने कहा कि पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिककर मामले में सदन में जवाब दे चुके हैं. उन्होंने रक्षा मंत्रालय के नोट पर कहा था कि कोई चिंत की बात नहीं है. सब ठीक चल रहा है. अब आप पहले के पीएमओ में सोनिया गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद को क्या कहते हैं, वह क्या था?
इसके बाद रक्षांमंत्री ने संसद के बाहर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इससे पहले तमाम देशहित के फैसलों पर सोनिया गांधी राष्ट्रीय सलाहकार समिति की बैठकें बुलाती रही हैं, पीएमओ से बातचीत करती रहीं हैं तो क्या इसे फैसलों और पीएमओ में दखल माना जाय? पीएमओ पहले भी देश के बड़े फैसलों की निगरानी करता रहा है. बड़े फैसलों पीएमओ पर नजर रखता है.
गौरतलब है कि हालिया खुलासे में कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा की गई ‘समानांतर बातचीत’ पर कड़ी आपत्ति जताई थी.
सदन के शुरू होने के तुरंत बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस व तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्य लोकसभा अध्यक्ष के आसन के सामने एकत्र हो गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
सदस्य चौकीदार चोर है की नारेबाजी करते सुने गए और वह हाथों में प्लेकार्ड लेकर रक्षा सौदे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल शुरू करने की कोशिश की, लेकिन आंदोलन कर रहे सदस्यों ने प्रदर्शन जारी रखा.
एक मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा गया कि रक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय द्वारा फ्रांस के पक्ष से विवादित डील पर समानांतर बातचीत की, जिस पर रक्षा मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई थी.