शिमला: कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू जिन्होंने रविवार को हिमाचल प्रदेश के सीएम की शपथ ली कहा कि उनकी सरकार पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस यानि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करेगी.
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एएनआई को बताया, ‘हमने 10 गारंटी दी हैं और हम उन्हें लागू करेंगे. हम पारदर्शी और ईमानदार सरकार देंगे. हम पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) लागू करेंगे.’ इससे पहले, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए पुरानी पेंशन योजना महत्वपूर्ण है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गहलोत ने ओपीएस को ‘समाज के लिए अहम मुद्दा’ बताया.
उन्होंने कहा था, ‘प्रत्येक व्यक्ति को जीने का अधिकार है. ओपीएस लोगों को वृद्धावस्था में पर्याप्त पेंशन लेने में मदद करता है. मैं केंद्र से भी इस तरह की लाभकारी योजनाओं को पूरे देश में लागू करने का आग्रह करता हूं.’
हिमाचल प्रदेश में जमीनी स्तर से राजनीतिक सीढ़ी पर चढ़ने वाले सुक्खू ने शिमला में एक समारोह में पहाड़ी राज्य के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. पूर्व नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने भी हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है. शिमला के रिज मैदान में रविवार को आयोजित एक औपचारिक समारोह में राज्यपाल आरवी अर्लेकर ने उन्हें पद की शपथ दिलाई.
हिमाचल प्रदेश में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी नेता राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की महासचिव प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया. सुक्खू (58) गांधी परिवार के वफादार, चार बार के विधायक और राज्य में कांग्रेस के पूर्व प्रमुख रहे हैं.
सुक्खू को एक मिलनसार नेता के रूप में जाना जाता है, जिनका संगठन में लंबे समय तक रहने के कारण पहाड़ी राज्य में एक विशाल नेटवर्क है. कई वर्षों तक सबसे पुरानी पार्टी से जुड़े रहने के कारण उनके पास राज्य में व्यापक संगठनात्मक अनुभव भी है.
वह 2013 से 2019 तक पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष रहे और छह बार मुख्यमंत्री रह चुके पार्टी के कद्दावर नेता वीरभद्र सिंह को पसंद न आने पर भी उन्होंने अपने मन की बात कही.
सुक्खू हिमाचल प्रदेश में युवा कांग्रेस नेताओं को बढ़ावा देने और तैयार करने के पक्षधर रहे हैं.
सुक्खू एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं. वह अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे और एनएसयूआई के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे. वह राज्य में एनएसयूआई और भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे. उन्होंने शिमला नगर निगम के लिए चुनाव लड़ा और जीता था.
सुक्खू ने 2003 में पहली बार नादौन से विधानसभा चुनाव जीता था.
सुक्ख विधानसभा चुनाव के कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष थे जिसमें पार्टी ने स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया और वृद्धावस्था पेंशन योजना सहित आकर्षक वादे किए.
कांग्रेस ने राज्य में विधानसभा चुनाव में 40 सीटों पर जीत हासिल की है.
यह भी पढे़ं: सुखविंदर सिंह के शपथ ग्रहण समारोह पहुंचे खड़गे ने कहा, ‘एकजुट होकर यह लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की’