नई दिल्ली: महात्मा गांधी की जन्मभूमि पोरबंदर से माफिया क्वीन संतोकबेन के बेटे कांधलभाई जडेजा कुटियाना सीट से तीसरी बार जीत गए हैं. कांधलभाई की जीत से साथ ही गुजरात में सपा का खाता खुल गया है. जडेजा ने इस बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
कुटियाना विधानसभा क्षेत्र पोरबंदर लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है.
इस बार एनसीपी की तरफ से टिकट देने से इनकार किए जाने के बाद कांधलभाई समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे थे.
कांधलभाई जडेजा की मां संतोकबेन भी कुटियाना से विधायक रही थीं. समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ने वाले कांधलभाई ने 26,702 वोटों से जीत दर्ज की है. जडेजा को 60,744 वोट मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी ढेलीबेन ओडेडारा को 34,032 वोट मिले.
ओढेदरा जडेजा की रिश्तेदार हैं और उनकी मां संतोखबेन की करीबी भी रही हैं. वह पिछले 27 सालों से पोरबंदर नगर निगम की अध्यक्ष हैं.
कांधलभाई मेर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. कुटियाना सीट पर उन्होंने 2012 और 2017 के पिछले दो चुनाव एनसीपी के टिकट पर लड़े थे और इनमें जीत भी हासिल की थी.
कांग्रेस के नाथा भाई भूराभाई ओडेडारा को 8841 वोट मिले थे जबकि आम आदमी पार्टी कैंडीडेट भीमाभाई मकवाना 19,557 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
गैंगवार और विरासत
गौरतलब है कि 1960 के दशक के उत्तरार्ध में अहिंसावादी गांधी की जन्मभूमि ‘गुजरात के शिकागो’ नाम से कुख्यात हो गई, और लगभग 90 के दशक के मध्य तक यह उपनाम इसके साथ ही जुड़ा रहा था. उस दौरान यहां कई माफिया डॉन ने राज किया और उनके बीच गैंगवार का सुर्खियों में रहना तो एक आम बात थी.
उस समय के पोरबंदर में कुटियाना की कुख्यात माफिया डॉन संतोखबेन जडेजा से लेकर इकु गगन, नरेन सुधा और भीमा दुला ओढेदरा जैसे गैंगस्टर्स का राज था, जिनकी गतिविधियों के चलते यहां जीवन किसी ‘दुःस्वप्न’ से कम नहीं था.
1999 में आई फिल्म गॉडमदर में शबाना आजमी ने कांधलभाई की मां संतोकबेन का ही किरदार निभाया था. 2011 में संतोखबेन की मृत्यु के बाद बेटे कांधलभाई ने उनकी आपराधिक और सियासी विरासत संभाल ली. उनके खिलाफ हत्या समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
उधर, पोरबंदर लोकसभा क्षेत्र के तहत ही आने वाली पोरबंदर विधानसभा सीट पर भी दो कट्टर प्रतिद्वंद्वियों—भाजपा के बाबूभाई बोखिरिया और कांग्रेस के अर्जुन मोढवाडिया के बीच दिलचस्प मुकाबला रहा. कांग्रेस के मोढवाडिया ने 82,056 वोट पाकर 8181 वोटों से जीत दर्ज की. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बोखिरिया को 73.875 वोट मिले.
हालांकि, भाजपा और कांग्रेस दोनों उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है, लेकिन बोखिरिया गैंगस्टर भीमा दुला ओढेदरा के रिश्तेदार हैं, जो अभी एक दोहरे हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.
अभी गुजरात सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे बोखिरिया ने इससे पहले पोरबंदर सीट पर चार बार (1995, 1998, 2012, 2017) जीत दर्ज की थी जबकि मोढवाडिया ने दो बार (2002, 2007) यहां जीत हासिल की थी.
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(अनुवाद: रावी द्विवेदी)
(संपादन: अलमिना खातून)
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