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Friday, 22 November, 2024
होमदेशहिंदू, मुस्लिम, ईसाई, पारसी की पेंटिग्स: एक नए कलेवर के साथ तैयार हो रहा है वडनगर में PM मोदी का पुराना स्कूल

हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, पारसी की पेंटिग्स: एक नए कलेवर के साथ तैयार हो रहा है वडनगर में PM मोदी का पुराना स्कूल

फिर से पहले जैसा बनाया जा रहा यह प्राथमिक विद्यालय, भारत भर से चुने गए छात्रों की कला, संस्कृति और इतिहास पर आधारित एक सप्ताह के पाठ्यक्रम में भाग लेने और 'मोदी के जीवन से प्रेरणा लेने' के लिए मेजबानी करेगा.

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वडनगर, गुजरात: यीशु मसीह, जरथुस्त्र, इस्लाम के पवित्र स्थल, छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, चंद्रशेखर आज़ाद और बाल गंगाधर तिलक की पेंटिग्स (चित्रकारियां) गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से 100 किलोमीटर से थोड़ी अधिक की दूरी पर बसे मेहसाणा जिले के वडनगर में लड़कों के लिए बने प्राथमिक विद्यालय की ताज़ा-ताज़ा रंग-रोगन की गई दीवारों पर सजी हैं.

अन्य बातों के अलावा यहां मानवीय श्वसन और पाचन तंत्र के आरेखों वाले ब्लैकबोर्ड भी हैं.

पहली नज़र में, यह स्कूल साधारण सा लग सकता है, लेकिन अब यह एक विरासती संरचना है और इसके अब तक के सबसे उल्लेखनीय पूर्व छात्र – प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, जो वडनगर शहर में पैदा हुए थे और यहीं बड़े हुए थे – की वजह से काफी प्रसिद्ध है.

अब, जैसा कि स्कूल के प्रिंसिपल (प्रधानाचार्य) शरद मोदी ने दिप्रिंट को बताया, यह स्कूल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (आर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया – एएसआई) की गुजरात शाखा द्वारा संचालित एक पुनर्स्थापन (फिर से बहाल किये जाने) प्रक्रिया से गुजर रहा है, और छात्रों की एक नई पीढ़ी की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है, जो इस स्कूल में आएंगे और ‘उनके (मोदी के) जीवन से प्रेरणा लेंगे’. पुनर्स्थापन का काम अब अपने अंतिम चरण में है.

The façade of the Vadnagar Boys Primary School, now called Prerna Kendra | Credit: Manisha Mondal, ThePrint
वडनगर बॉयज़ प्राइमरी स्कूल का अग्रभाग, जिसे अब प्रेरणा केंद्र कहा जाता है | क्रेडिट: मनीषा मंडल, दिप्रिंट [/ कैप्शन]
60 से अधिक साल पहले, पीएम मोदी, एक युवा छात्र के रूप में, स्कूल में कक्षा 1 से कक्षा 7 तक पढ़ते हुए, इन्हीं हॉलों में चले थे. वडनगर के दरबारगढ़ क्षेत्र में उनके पैतृक घर के पास स्थित, इस स्कूल की स्थापना साल 1888 में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ द्वारा की गई थी और तब इसे ‘वर्नाक्युलर स्कूल’ के रूप में जाना जाता था. उस समय, वडनगर सयाजीराव गायकवाड़ III द्वारा शासित बड़ौदा राज्य का हिस्सा हुआ करता था.

सांस्कृतिक प्रदर्शन के लिए एक एम्फीथिएटर (रंगभूमि), एक आर्ट गैलरी (कला दीर्घा), एक छात्रावास और एक पेंट्री (रसोई भंडार) भी स्कूल से सटी जमीन पर निर्माणाधीन है.

उनका नाम न छापे जाने की शर्त पर गुजरात शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘साल 2017 में जब गुजरात सरकार ने इसे एक विरासत वाली संपत्ति घोषित किया था और इस स्कूल को इसके पुराने गौरव के साथ बहाल करने का फैसला किया था, तो इसका नाम बदलकर ‘प्रेरणा केंद्र’ कर दिया गया था.

एक बार पुनर्निर्मित स्कूल का उद्घाटन हो जाने के बाद, पूरे भारत के बच्चों को यहां लाया जाएगा और उन्हें कला, संस्कृति और इतिहास का पाठ पढ़ाया जाएगा. वे प्रेरक कक्षाओं में भाग लेंगे और नेतृत्व कौशल के बारे में जानेंगे.’

गुजरात शिक्षा विभाग के अधिकारी ने कहा, ‘ साल 2024 में उद्घाटन के लिए निर्धारित इस स्कूल के बारे में आगे की योजना कुछ चयनित छात्रों – प्रत्येक भारतीय राज्यों से एक या दो – की मेजबानी करने की है जो उन्हीं कक्षाओं का हिस्सा बनेंगें जहां पीएम मोदी ने 1950 के दशक में अध्ययन किया था और उन्हें एक सप्ताह में एक छोटा सा पाठ्यक्रम पढ़ाया जायेगा.’

उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा छात्रों के चयन के मानदंड पर काम किया जा रहा है. जो पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा, उस पर भी काम चल रहा है. यह सामान्य स्कूली पाठ्यक्रम नहीं होगा.’

स्कूल के प्रधानाचार्य शरद मोदी के अनुसार, पुनर्स्थापन प्रक्रिया के दौरान, लड़कों के लिए बने प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को लड़कियों के लिए बने प्राथमिक विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया, जो कि बस थोड़ी सी दूरी पर ही स्थित है. उन्होंने बताया कि, ‘लड़कियों और लड़कों दोनों के स्कूलों का अंततः विलय कर दिया गया और यह वडनगर प्राइमरी स्कूल नंबर 1 बन गया.’


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‘विचार स्कूल को फिर से पहले जैसा बनाने का है’

जीर्णोद्धार के बाद, इस दो मंजिला प्राथमिक विद्यालय की इमारत को ठीक वैसा ही बनाया गया है जैसा कि यह मोदी के यहां का छात्र होने के समय था.

जैसा कि परियोजना स्थल पर काम कर रहे एएसआई के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमने स्कूल की पुरानी तस्वीरों को खोजकर निकाला और यह पता लगाया कि यह पहले कैसा दिखता था. चाहे वह स्कूल की दीवार के साथ-साथ कक्षाओं की पेंटिंग, सागौन के रंग के लकड़ी के खंभे और रेलिंग हों, हमारा विचार इस स्कूल को फिर से उसी तरह बनाने का है.’

Paintings of religious figures and freedom fighters adorn the walls of the school that is PM Narendra Modi's alma mater and is now being restored | Credit: Manisha Mondal, ThePrint
स्कूल की दीवारों पर धार्मिक शख्सियतों और स्वतंत्रता सेनानियों की पेंटिंग सजी हैं, जो पीएम नरेंद्र मोदी की अल्मा मेटर है और अब इसे बहाल किया जा रहा है। साभार: मनीषा मंडल, दिप्रिंट

धार्मिक हस्तियों और स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र धार्मिक समानता को प्रदर्शित करने के लिए हैं और एएसआई अधिकारी के अनुसार, 1950 के दशक में भी दीवारों पर ऐसे ही चित्र लगे थे. मुस्लिम तीर्थस्थलों सहित सभी चित्रों में उनके नीचे अभिलेख अंकित हैं, जो सभी धर्मों के बीच वैश्विक शांति का आह्वान करते हैं.

अधिकारी ने कहा, ‘नवीनीकरण का काम पूरा होने वाला है.’ उन्होंने कहा कि छात्रावास और एम्फीथिएटर के निर्माण में समय लगेगा और इसे अगले साल पूरा किया जाना है.

जहां स्कूल का नवीनीकरण केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले एएसआई द्वारा किया जा रहा है, वहीं एम्फीथिएटर, छात्रावास और अन्य संरचनाओं का निर्माण गुजरात सरकार द्वारा किया जा रहा है.

A placard at the school | Credit: Manisha Mondal, ThePrint
स्कूल में एक तख्ती | क्रेडिट: मनीषा मंडल, दिप्रिंट [/ कैप्शन]
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन सिंह मेघवाल उन केंद्रीय मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्होंने वर्तमान में चल रहे नवीनीकरण के कार्य का जायजा लेने के लिए इस प्राथमिक विद्यालय का दौरा किया है.

गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग के बजट 2022-23 में वडनगर में ‘प्रेरणा केंद्र’ शुरू करने के लिए 2 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. बता दें कि साल 1888 में महाराजा गायकवाड़ द्वारा बनवाया गया वर्नाक्यूलर स्कूल 16,023 रुपये की लागत से बना था.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)

(अनुवाद: रामलाल खन्ना)


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