उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सदैव से ही अतिसंवेदनशील वर्ग़ों, जैसे-महिलाएँ, दिव्यांग जन, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ और श्रमिकों को सामाजिक न्याय से जोड़ने तथा उनके अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक करने की दिशा में युद्ध स्तरीय प्रयास कर रही है. उक्त कार्य़ों को और अधिक विस्तार देने तथा लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ शीघ्रता से प्राप्त हो सके जैसे महत्त्वपूर्ण लक्ष्यों को अमली जामा पहनाने हेतु योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के संकल्प-पत्र में आवश्यक सुधारों को अपनाते हुए कई रणनीतिक व योजनाबद्ध प्रयासों को सूचीबद्ध किया है. प्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा के निहितार्थ अपनाए जा रहे कार्यों की रूपरेखा के महत्त्वपूर्ण अंश निम्नवत् हैं-
प्रदेश सरकार द्वारा समाज कल्याण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य़ों की रूपरेखा
प्रदेश सरकार ने ऐसे परिवार, जिनकी वार्षिक आय सीमा 2 लाख रुपए है, को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत प्रति जोड़े को दी जानेवाली राशि को 51 हजार रुपए से बढ़ाकर प्रति जोड़ा 1 लाख रुपए कर दिया है. प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत सभी आय वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं, जैसे-UPSC, UPPSC, NDA, CDS, JEE, NIIT, TET व CLAT की तैयारी हेतु निःशुल्क ऑफलाइन व ऑनलाइन प्रशिक्षण की कार्य-योजना सभी जनपदों में संचालित की जा रही है. इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के उन परीक्षार्थियों, जो निजी कोचिंग केंद्रों में धनराशि खर्च करने की स्थिति में नहीं हैं, को प्रशिक्षण प्रदान करना है. इस योजना को सफल बनाने हेतु 41.5 करोड़ रुपए के आवंटन का प्रावधान किया गया है.
महिला कल्याण के क्षेत्र में योगी सरकार की रणनीतिक पहल
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की उन महिलाओं, जिनके पति की मृत्युपरांत वे निराश्रित हो गई हैं, के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना (1000 रुपए मासिक) के माध्यम से सभी पात्र लाभार्थियों को वर्ष 2022-23 के प्रथम त्रैमास की पेंशन राशि सीधे उनके खाते में भेजने की व्यवस्था कर दी है, जिसमें कुल 930 करोड़ रुपए की राशि का व्यय किये जाने का प्रावधान है. मुख्यमंत्री कन्या सुंगला योजना के अंतर्गत छह किस्तों में दी जानेवाली कुल राशि को 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए प्रति लाभार्थी किए जाने की पेशकश प्रदेश की योगी सरकार ने अपने लोक कल्याण संकल्प-पत्र में की है, जिससे प्रदेश में लिंग अनुपात को बेहतर बनाने के लक्ष्य को और अधिक प्रभावी ढंग से प्राप्त किया जा सकेगा. इस योजना के अंतर्गत प्रथम त्रैमास के सभी पात्र लाभार्थियों को योजना की धनराशि ऑनलाइन अंतरित किए जाने की व्यवस्था की है.
उक्त दोनों योजनाओं निराश्रित महिला पेंशन योजना एवं मुख्यमंत्री कन्या सुंगला योजना के लाभों को नए पात्र लाभार्थियों तक पहुँचाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा जनपद एवं विकास खंड स्तर पर प्रत्येक 15 दिन के अंतराल में स्वावलंबन कैंपों का आयोजन किया जाता है. मुख्यमंत्री कन्या सुंगला योजना में 1 लाख नवीन बालिकाएँ लाभान्वित हुई हैं अब तक कुल 13.68 लाख बालिकाएँ लाभान्वित हो चुकी हैं.
उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजनांतर्गत 15,406 पात्र लाभार्थियों को वित्तीय वर्ष 2022-23 की प्रथम त्रैमास की धनराशि का अंतरण सभी जनपदों में निर्धारित तिथि पर किया जाना निश्चित किया गया है. प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षण व सशक्तीकरण संबंधी सभी सेवाओं को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने हेतु वन स्टॉप सेंटर की स्थापना को तरजीह दी है. मिशन वात्सल्य (बाल संरक्षण सेवाएँ) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख व संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत संचालित बाल देखरेख संस्थाओं की समीक्षा, किशोर न्याय बोर्ड़ों एवं बाल कल्याण समितियों की कार्य-प्रणाली को बेहतर करने हेतु M.I.S. पोर्टल का शुभारंभ किया गया है. साथ ही इस योजना के अंतर्गत जनपद शाहजहाँपुर में राजकीय संप्रेक्षण गृह का संचालन कार्य आरंभ करने का प्रावधान योगी सरकार ने अपने संकल्प-पत्र में किया है.
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दिव्यांग जन सशक्तीकरण हेतु योगी सरकार की कार्य-योजनाएं
प्रदेश सरकार ने डॉ. शवुंQतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय परिसर में निम्न कार्यों को करने की अनुमति अपने संकल्प-पत्र में दी है-
(i) इस परिसर में निर्मित कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र के रिक्त पदों पर भरती की प्रक्रिया पूर्ण कर उसका संचालन प्रारंभ किया गया है, ताकि प्रदेश के सभी जनपदों के जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों एवं जिला चिकित्सालयों में कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण आसानी से उपलब्ध कराए जा सकें.
(ii) इस परिसर में निर्मित विशिष्ट स्टेडियम के संचालन हेतु उपकरण आदि की व्यवस्था कराकर राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय खेल प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा, साथ ही खेल प्रतिभाओं के संवर्धन हेतु कार्य किया जाएगा.
(iii) इस विश्वविद्यालय में ब्रेल प्रेस की स्थापना का कार्य पूर्ण किया जा रहा है, ताकि विश्वविद्यालय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में अध्ययन करनेवाले दिव्यांग विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की पुस्तकें ब्रेल लिपि में उपलब्ध हो सकें. परिणामस्वरूप दिव्यांग जन के शैक्षिक पुनर्वास को सफल बनाया जा सकता है.
प्रदेश के 18 जनपदों में संचालित ‘बचपन डे केयर सेंटर्स’ ने गुणवत्ता के संबंध में निर्धारित ISO प्रमाणीकरण प्राप्त कर लिया है, जिसके चलते जन-मानस में विभागीय शिक्षण संस्थाओं के संबंध में सकारात्मक छवि उत्पन्न होती है और प्रत्येक संस्थानप्रमाणीकरण के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप अपने कार्य-व्यवहार का निर्धारण करते हैं.
प्रदेश में राजकीय ममता विद्यालय (लखनऊ), मानसिक मंदित आश्रय गृह सह-प्रशिक्षण केंद्र (लखनऊ) एवं समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय (आजमगढ़) हेतु निर्माणाधीन भवनों का कार्य 30 जून, 2022 तक पूर्ण कर हस्तगत करने का लक्ष्य है.
अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु उत्तर प्रदेश सरकार की रणनीतिक पहलें
अन्य पिछड़ा वर्ग के 300 गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा हेतु आवासीय सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश की योगी सरकार जनपद अंबेडकर नगर, आजमगढ़ व गोरखपुर में निर्माणाधीन छात्रावासों को निर्धारित तिथि में पूर्ण करने की योजना पर कार्य कर रही है. साथ ही, प्रदेश सरकार ने UMANG APP (Unified Mobile App For New Age Governance) के माध्यम से पिछड़े वर्ग के कल्याण से संबंधित योजनाओं को लिंक करने का कार्य किया है. ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य पिछड़े वर्ग के आर्थिक रूप से निर्बल व्यक्तियों की कल्याणकारी योजनाओं तक सुगमता से पहुँच सुनिश्चित करना है.
अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ के संदर्भ में प्रदेश सरकार की नीति
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम एवं वक्फ के जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में निवास करनेवाले सभी जन-समुदायों के लिए 12 पेयजल परियोजनाएँँ प्रारंभ की जा रही हैं तथा शैक्षिक अवसंरचना के विकास हेतु 15 परियोजनाएँ प्रारंभ की जा रही हैं, ताकि अल्पसंख्यक समुदायों को गुणवत्तापूर्ण पेयजल एवं शिक्षा की सुलभता हो सके. आज के प्रतिस्पर्धी युग में प्रदेश सरकार ने आधुनिक पाठ्यक्रम पर आधारित मोबाइल ऐप विकसित कर मदरसों में पढ़नेवाले छात्र/छात्राओं को उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की है, ताकि मदरसों में पढ़ने-वाले छात्र-छात्राएँ भी आधुनिक ज्ञान-िवज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर सकें. अल्पसंख्यक समुदाय के गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करनेवाले अभिभावकों की पुत्री की शादी हेतु अनुदान-स्वरूप 20 हजार रुपए दिए जाने की व्यवस्था की है.
(‘गतिमान उत्तर प्रदेश 5 वर्ष 100 दिन योगी सरकार ’ प्रभात प्रकाशन से छपी है. ये किताब पेपर बैक में 425₹ की है.)
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