नई दिल्ली: सूत्रों के जरिए सोमवार को जानकारी मिली कि कर्नाटक के मंगलुरु ऑटोरिक्शा विस्फोट को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने की संभावना है.
पुलिस ने आरोपी की पहचान शारिक के रूप में की है, जिसे कांकनाडी थाना क्षेत्र में एक ऑटोरिक्शा में हुए कम तीव्रता के विस्फोट के कारण 40-45 प्रतिशत जलने के बाद मंगलुरु में फादर मुलर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त (सीपी) एन शशि कुमार ने 19 नवंबर को कहा कि ऑटो चालक और यात्री झुलस गए हैं और उन्हें भी इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
खासतौर से, रविवार को मंगलुरु ऑटोरिक्शा विस्फोट मामले में एक बड़ी सफलता में, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आलोक कुमार ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा था कि बम क्षेत्र में सद्भाव को भंग करने के इरादे से लगाया गया था.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘इलाके में सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की गई.’ एडीजीपी कुमार ने यह भी बताया कि धमाका कम तीव्रता का था.
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया, ‘यह एक कम तीव्रता का आईईडी विस्फोट था. इलाके में सद्भाव को बाधित करने की कोशिश की गई थी जिसे नाकाम कर दिया गया. अभी हमारे पास कोयंबटूर विस्फोट से संबंधित सुझाव देने के लिए कोई जानकारी नहीं है.’
गौरतलब है कि रविवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा था कि मंगलुरु में कथित तौर पर बम विस्फोट करने वाले संदिग्ध के आतंकी संबंध थे क्योंकि वह पड़ोसी तमिलनाडु के कोयंबटूर सहित विभिन्न स्थानों पर गया था.
मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह एलईडी से जुड़ा उपकरण था.
विस्फोट शनिवार शाम को एक पुलिस थाने के पास ऑटोरिक्शा में हुआ था जिसमें यात्री और चालक घायल हो गए थे. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज किया जा रहा है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार विस्फोट के लिए डेटोनेटर, तार और बैटरी से लैस एक कुकर का इस्तेमाल किया गया. विस्फोट के बाद ऑटोरिक्शा के अंदरूनी हिस्से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए.
बोम्मई ने कहा, ‘जब संदिग्ध का अतीत खंगाला गया, तो यह स्पष्ट हो गया कि मौके से मिले आधार कार्ड में उल्लेखित नाम उस व्यक्ति से अलग था जो उसे रखे हुए था. संदिग्ध के पास एक डुप्लिकेट आधार कार्ड था. उसमें हुबली का पता था.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक जानकारी तब सामने आई जब पुलिस ने संदिग्ध के मूल पते और उन स्थानों का पता लगाया जहां वह ठहरा था.
बोम्मई ने कहा, ‘प्रथम दृष्टया, यह एक आतंकवादी कृत्य है. वह जिन स्थानों पर गया था, जैसे कोयंबटूर या अन्य स्थान, उससे उसके आतंकी संबंधों की ओर इशारा मिलता है.’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी भी मामले की जांच में राज्य पुलिस के साथ शामिल हो गए हैं. एनआईए की चार सदस्यीय टीम मौके पर पहुंच गई है और पुलिस के साथ समन्वय कर रही है.
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