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Wednesday, 20 November, 2024
होमदेश'पाकिस्तान को छोड़कर 78 देश नो मनी फॉर टेरर सम्मेलन में भाग लेंगे'- NIA के महानिदेशक

‘पाकिस्तान को छोड़कर 78 देश नो मनी फॉर टेरर सम्मेलन में भाग लेंगे’- NIA के महानिदेशक

भारत लगभग 75 देशों की भागीदारी के साथ आतंकवाद-विरोधी वित्तपोषण पर दो दिवसीय 'नो मनी फॉर टेरर' मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने शुक्रवार को जानकारी दी कि पाकिस्तान ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहा है. वहीं, इस सम्मेलन में भाग लेन के लिए चीन को आमंत्रित किया गया है.

भारत लगभग 75 देशों की भागीदारी के साथ आतंकवाद-विरोधी वित्तपोषण पर दो दिवसीय ‘नो मनी फॉर टेरर’ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है.

गुप्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दैरान कहा, ‘पाकिस्तान ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहा है. इसके साथ ही आतंक के वित्तपोषण के लिए जो नए तरह के तरीके या पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल हो रहा है उन सभी पर इस सम्मेलन में चर्चा होगी.’

उन्होंने आगे बताया कि 18-19 नवंबर को दिल्ली में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन के तीसरे संस्करण में 78 देश और बहुपक्षीय संगठन भाग लेंगे.

गुप्ता ने सम्मेलन के बारे में जानकारी देती हुए कहा कि हवाला के पैसे के पारंपरिक मेथड्ज़ और आतंक के वित्तपोषण के नए तरीकों पर सम्मेलन में चर्चा की जाएगी. सम्मेलन में सभी देशों के 20 से अधिक मंत्री भाग ले रहे हैं.

एनआईए के महानिदेशक ने आतंकवाद के मामलों में आई कमी के बारे में कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद में भारी कमी आई है लेकिन लड़ाई तो लड़नी ही होगी.’

गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए क्राउडफंडिंग से जुटाए गए धन का उपयोग आतंकी उद्देश्यों के लिए किया जाता है.

उन्होंने कहा, ‘सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में किया जाता है, और ऐसे स्रोतों से जुटाए गए धन का उपयोग अंततः आतंकी उद्देश्यों के लिए किया जाता है. यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर चर्चा करने की जरूरत है.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को काउंटर टेररिज्म फाइनेंसिंग पर तीसरे ‘नो मनी फॉर टेरर’ (एनएमएफटी) का उद्घाटन करेंगे. इस सम्मेलन को विभिन्न विषयों पर 4 सत्रों में विभाजित किया गया है.

पीएमओ ने एक बयान में कहा कि सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों और संगठनों को आतंकवाद के वित्तपोषण पर मौजूदा अंतरराष्ट्रीय शासन की प्रभावशीलता के साथ-साथ उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए आवश्यक कदमों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक अनूठा मंच देगा.


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