नई दिल्ली : फॉरेन पॉलिसी पत्रिका की माने तो योग गुरू बाबा रामदेव एक दिन भारत के प्रधानमंत्री हो सकते हैं. पत्रिका उनको अपनी 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल करते हुए ये बात कहती है. इस सूची में कई भारतीयों के नाम है- मुकेश अंबानी, रामदेव, गीता गोपीनाथ, मेनका गुरुस्वामी हैं.
दस साल से प्रकाशित हो रही फॉरेन पॉलिसी की लिस्ट में जिन नामों का चुनाव हुआ है वे दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोग है. चाहे अच्छे या बुरे हो. लिस्ट को 10 हिस्सों में बांटा गया है. पिछले दशक में दुनिया में प्रभाव डालने वाले सबसे बड़े दस नाम चुने गए है. साथ ही 40 साल से कम उम्र से आयु के विचारक हैं. फिर प्रतिरक्षा और सुरक्षा, उर्जा और जलवायु, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और व्यापार, विज्ञान और स्वास्थ्य और एक्टीविज़म और कला के क्षेत्र की सूची बनाई गई है. इस में लोगो की पसंद के वैश्विक चिंतकों की लिस्ट भी है. साथ ही उन लोगों की लिस्ट भी जो 2018 में दुनिया से अलविदा कह गए.
आर्थिक क्षेत्र की लिस्ट में योग गुरु और व्यापारी बाबा रामदेव का नाम है. पत्रिका ने उन्हें भारत में सबसे शक्तिशाली और मशहूर हस्ती बताया. रामदेव ने अपने टीवी शो के ज़रिए और अपने आयुर्वेदिक उत्पादन से मध्यमवर्ग में स्वास्थ्य के प्रति नई चेतना जगाई है. साथ ही योगी से व्यापारी बने रामदेव का राजनीति में भी गहर प्रभाव है. पत्रिका के अनुसार रामदेव ने 2014 में नरेंद्र मोदी का समर्थन किया जिससे उन्हें प्रधानमंत्री बनने में मदद मिली. अब 2019 के लोकसभा चुनाव में उनका प्रभाव और पैसा दोनो रंग दिखा सकता है। पत्रिका कहती है कि ये नाम याद रखना- कही एक दिन वे खुद प्रधान मंत्री की कुर्सी पर न हो.
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में रिलायन्स इंडस्ट्रीस के चेयरमैन और मेनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी का नाम है 44.3 बिलियन डॉलर की संपत्ति के मालिक मुकेश ने 2018 में जैक मा की जगह एशिया के सबसे अमीर आदमी का स्थान पाया. पत्रिका कहती है कि अंबानी की तेल, गैस, रिटेल में भागीदारी है और साथ ही उसके नए टेलीकॉम वेंचर जियो ने 100 मिलियन भारतीयों को स्मार्टफोन इंटरनेट से जोड़ा और टेलीकॉम क्षेत्र में क्रांति ला दी. अब अंबानी डिजीटल दुनिया में कंटेंट और लाइफस्टाइल सामग्री बेच कर गूगल और फेसबुक को टक्कर देने की तैयारी में है.
आर्थिक क्षेत्र में गीता गोपीनाथ का नाम है जोकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोश की मुखिया हैं. वे आईएमएफ के पहली महिला चीफ इकोनोमिस्ट ही नहीं है,हार्वर्ड युनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रहीं हैं, न्यूयॉर्क में फेडरल रिसर्व बैंक की सलाहकार, केरल के मुख्य मंत्री की आर्थिक सलाहकार भी हैं.
भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले रूपम शर्मा ने 23 साल की उम्र में एक ऐसा दस्ताना बनाया है जिसमें डिजीटल आंख है और एक आवाज़ जो लिखे हुए को पढ़ के सुनाती है. इसका नाम मनोव्यू है और ये लुई ब्रेल के पढ़ने के सिस्टम विकसित करने के 200 साल बाद क्रांतिकारी नई इनोवेशन है. ये जब पूरी तरह विकसित होगा तो लाखों दृष्टिहीनों को रोजमर्रा के जीवन में मदद करेगा.
इस लिस्ट में पर्यावरण पर लिखने के लिए और इसके चिंतन पर महत्वपूर्ण का करने के लिए लेखक अमिताव घोष का नाम शामिल किया है. द ग्रेच डीरेंजमेंट नाम की उनकी किताब का पत्रिका ज़िक्र करती है. घोष का कहना है कि पर्यावरण को लेखक अपनी विषयवस्तु नहीं बनाते और उनके अनुसार ये इसलिए हो रहा है कि दुनिया पर्यावरण में हो रहे बदलाव को स्वीकार नहीं करती.
पत्रिका ने वकील मेनका गुरुस्वामी को भी इस लिस्ट में उनके एलजीबीटी कम्युनिटी के लिए काम करने के लिए इसमें शामिल किया गया. उन्होंने आर्टिकल 377 को हटाने की मुहीम जिसके तहत समलैंगिक रिश्तों को आपराध माना गया था,को हटाने की मुहिम में अहम भूमिका निभाई. भारत में औपनिवेशिक काल के इस कानून को बदलने का व्यापक असर हुआ और मलेशिया और केन्या जैसे देशों ने भी इस पर चर्चा शुरू है.