नर्मदा (गुजरात): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय एकता दिवस पर कहा कि अतीत में, भारत की प्रगति में बाधा पहुंचाने वाली ताकतें अभी भी मौजूद हैं और एक भारतीय भाषा को दूसरी भाषा का दुश्मन बनाने का अभियान चलाया जा रहा है.
पीएम मोदी का यह बयान केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में हिंदी को शिक्षा का माध्यम बनाने के लिए एक संसदीय समिति की सिफारिश पर विवाद की पृष्ठभूमि में आया है. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.
प्रधानमंत्री गुजरात के एकता नगर में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 147वीं जयंती के अवसर पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे, जिस दौरान ये बातें कही.
पीएम मोदी ने कहा, ‘क्या होता अगर भारत में सरदार पटेल जैसा नेतृत्व नहीं होता? क्या होता अगर 550 से ज्यादा रियासतें एकजुट न होतीं? यदि हमारे अधिकांश राजाओं ने त्याग की पराकाष्ठा नहीं दिखाई होती तो हम आज जो भारत देख रहे हैं उसकी कल्पना भी नहीं कर पाते. यह काम सरदार पटेल ने किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में लाखों लोगों को बुनियादी जरूरतों के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ा. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे में अंतर जितना छोटा होगा, एकता उतनी ही मजबूत होगी.
उन्होंने कहा, ‘जैसे अतीत में भारत की प्रगति से परेशान ताकतें थीं, आज भी मौजूद हैं. वे हमें तोड़ने और बांटने की कोशिश करते हैं. जातियों के नाम पर हमें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के लिए नैरेटिव्स बनाए जाते हैं. क्षेत्र के नाम पर हमें बांटने की कोशिश की जा रही है. कई बार ये ताकतें हमारे दिमाग में गुलामी की मानसिकता के रूप में बैठ जाती हैं. ये कभी तुष्टिकरण के रूप में आते हैं, कभी परिवारवाद के रूप में और कभी लालच और भ्रष्टाचार के रूप में.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये ताकतें देश को बांटती और कमजोर करती हैं.
उन्होंने कहा, ‘एक भारतीय भाषा को दूसरी भारतीय भाषा का दुश्मन बनाने के लिए अभियान चलाए जाते हैं. इतिहास को इस तरह पेश किया जाता है कि लोग एक-दूसरे से जुड़ते नहीं बल्कि एक-दूसरे से दूर चले जाते हैं. पीएम ने कहा कि सदियों तक राज करने वाले पूर्ववर्ती शाही परिवारों ने देश की एकता के लिए एक नई व्यवस्था को अपना अधिकार समर्पित कर दिया.’
उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद दशकों तक इस योगदान की अनदेखी की गई. एकता नगर में एक संग्रहालय बनाया जाएगा, जो पूर्ववर्ती शाही परिवारों के बलिदान को समर्पित होगा.’
प्रधानमंत्री ने गुजरात के मोरबी में रविवार को एक झूला पुल गिरने के बाद लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गुजरात सरकार को खोज एवं बचाव अभियान में हरसंभव मदद कर रही है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं एकता नगर में हूं लेकिन मेरा मन मोरबी के पीड़ितों के साथ है. अपने जीवन में शायद ही कभी मैंने ऐसा दर्द अनुभव किया होगा. एक तरफ दर्द से भरा दिल है और दूसरी तरफ फर्ज निभाने का रास्ता. अस्पताल में भी पूरी सतर्कता बरती जा रही है जहां घायलों का इलाज चल रहा है. लोगों को कम से कम समस्या का सामना करना सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता दी जा रही है.’
मोरबी जिले में मच्छू नदी के ऊपर स्थित झूला पुल ढहने से अब तक कम से कम 132 लोगों की मौत हो चुकी है.
2014 से, 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन को कई रियासतों को भारतीय संघ के साथ एकजुट करने के लिए उनके प्रयासों और योगदान का जश्न मनाने के लिए इसे राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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