गृहमंत्री अमित शाह का पाकिस्तान के साथ बातचीत खारिज करना साफ संदेश है कि मेल-जोल केवल भारत की शर्तों पर ही आ सकता है- भले ही अंतरराष्ट्रीय दबाव या आतंकी खतरे हों. हालांकि, कश्मीरियों से बात करने के उनके वादे को तेजी से लागू करने की जरूरत है. अलगाव और जातीय-धार्मिक तनाव जैसी समस्याओं के लिए महज चुनाव ही नहीं, बातचीत की जरूरत है.
तेलंगाना से भारत- KCR के उनकी पार्टी के राष्ट्रीय बनने की कोशिश क्षेत्रीय ब्रांड इमेज को दांव पर लगाने वाली है
राष्ट्रीय आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए केसीआर द्वारा तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का नाम बदलकर BRS करने का कदम- जिसमें B भारत के लिए है- राजनीतिक तर्क को बढ़ाता है. उन्हें एक क्षेत्रीय से राष्ट्रीय नेता तक ले जाना काफी नहीं है. यह तेलंगाना की पार्टी के रूप में टीआरएस की ब्रांड छवि को भी दांव पर लगाता है. लेकिन सपने देखने वालों के लिए नाम में क्या रखा है!