नई दिल्लीः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अंतरिम निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने के कुछ घंटे बाद अतिरिक्त निदेशक एम नागेश्वर राव ने शुक्रवार को आलोक वर्मा द्वारा जारी सभी तबादले के आदेशों को रद्द कर दिया, जिन्हें गुरुवार को एजेंसी के निदेशक पद से हटा दिया गया. जानकार सूत्रों ने कहा कि राव ने वर्मा के बुधवार और गुरुवार को किए तबादले रद्द कर दिये हैं.
सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजे जाने के बाद वर्मा को सर्वोच्च न्यायालय ने शीर्ष पद पर बहाल कर दिया था. वर्मा ने गुरुवार को दो संयुक्त निदेशक, एक सहायक निदेशक और दो डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) सहित छह अधिकारियों के तबादले का आदेश जारी किया था.
वर्मा ने एजेंसी द्वारा किए जानेअंतरिम निदेशक नियुक्त के एक दिन बाद 24 अक्टूबर को राव द्वारा जारी अधिकांश तबादले के आदेशों को बुधवार को रद्द कर दिया था.
उस दिन, राव ने संयुक्त निदेशक (नीति) एके शर्मा, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल एमके सिन्हा, अनीश प्रसाद, केआर चौरसिया और तरुण गौबा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसएस गुर्म और पुलिस उपाधीक्षक एके बस्सी और अश्वनी कुमार सहित 13 सीबीआई अधिकारियों का तबादला कर दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटा दिया. इसके बाद राव ने अंतरिम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक के रूप में शुक्रवार को फिर से पदभार संभालने के बाद तबादलों को रद्द कर दिया.