दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
बीबीसी हिंदी में कार्टूनिस्ट कीर्तीश भट्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2019 लोकसभा चुनाव के पहले वोटरों को लुभाने के लिए ‘गरीब सवर्णों’ को दिए जाने वाला 10 फीसदी आरक्षण का चित्रण किया है.
नाला पोनप्पा ने आरक्षण में आरक्षण देने से योग्यता के आधार पर प्रतिस्पर्धा कर रहे छात्रों के लिए नौकरियों के अवसर घटने को चित्रित किया है.
फर्स्टपोस्ट में मंजुल ने सालों से सीबीआई को पिंजड़े का तोता कहे जाने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा आलोक वर्मा को बतौर सीबीआई डायरेक्टर बहाल किए जाने से मोदी सरकार को लगे झटके का चित्रण किया है.
डेक्कन हेराल्ड के साजिथ कुमार ने इंडियन सांइस कांग्रेस में न्यूटन और आइंस्टीन की थ्योरी को गलत बताने वाले वैज्ञानिकों पर चुटकी लेते हुए उनका चित्रण किया है. इसके अलावा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा की बहाली से भगवा पार्टी को लगे झटके को भी दर्शाया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के संदीप अध्वर्यु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन को पांच भागों में चित्रित किया है. उन्होंने पहले चार साल दक्षिणपंथी नेता दीन दयाल उपाध्याय, एमएस गोलवलकर, एसपी मुखर्जी और वीडी सावरकर से प्रेरणा ली. और अपने सहयोगियों को साथ में लेने के लिए पांचवे साल में वीपी सिंह की किताब का एक अध्याय जोड़ लिया.
कार्टूनिस्ट आलोक वित्त मंत्री अरुण जेटली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्के साथी के तौर पर दर्शाते हैं. कैसे वे उनके हर मुश्किल घड़ी में साथ देते हैं.
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