नयी दिल्ली : राफेल डील का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मुद्दे पर घमासान लगातार जारी है. दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां एक दूसरे पर खुलकर आरोप -प्रत्यारोप लगा रही हैं.
आज रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दिए एक सवाल के जवाब में बताया कि उन्हें हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) से 2014-18 के दौरान 26,570.80 करोड़ रूपये के हुए अनुबंध के बारे में कन्फर्मेशन मिल चुका है. वहीं लगभग 73,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर अभी पाइपलाइन में हैं. इसलिए लोकसभा में दिए उनके बयान पर विपक्ष द्वारा संदेह खड़ा करना गलत और गुमराह करने वाली बात है.
Defence Minister in Lok Sabha: I have received confirmation from HAL that contracts during 2014-18 worth Rs 26,570.80 crore have already been signed with HAL. Orders worth Rs 73,000 Cr approx are in the pipeline pic.twitter.com/UeWFQ2Gc37
— ANI (@ANI) January 7, 2019
निर्मला सीतारमण के संसद में बयान के दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और उनपर गलतबयानी का आरोप भी लगाया. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस ने सदन को गुमारह करने को लेकर रक्षा मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे रखा है. इस पर लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि यह नोटिस उनके विचाराधीन है.
आपको बताते चले कि सीतारमण का यह बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने एचएएल को मिले अनुबंध के संदर्भ में सदन के अंदर झूठ बोला था.
वहीं राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘मैं राहुल गांधी से तीन सवालों का जवाब जानना चाहूंगा. पहला राहुल गांधी और सोनिया गांधी की बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल से इतनी नजदीकियां क्यो हैं? दूसरा 2011 में यूपीए ने किसके दवाब में राफेल डील का विरोध किया था? और तीसरा राहुल गांधी कब तक देश की सुरक्षा के साथ खेलवाड़ करते रहेंगे?
रविशंकर प्रसाद ने आगे यह भी आरोप लगाया कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में गिरफ्तार बिचौलिए मिशेल, यूरो फाइटर के दवाब में काम करते हैं. यूरो राफेल का प्रतिस्पर्धी है. ऐसे में जो दस्तावेज सामने आए हैं उससे साफ है कि यूरो फाइटर को ठेका दिलाना चाहता था.