भारत में हमलों के लिए वांछित पाकिस्तानी आतंकवादियों को काली सूची में डालने से रोकने के चीन के कदम इतने पूर्वानुमानित होते जा रहे हैं कि यह स्पष्ट है कि बीजिंग सिर्फ नई दिल्ली के खिलाफ काम कर रहा है. इस तरह की धूर्त कूटनीति ‘उभरती हुई शक्ति’ को शोभा नहीं देती. क्या चीन आतंकवाद का समर्थन करने वाले देश के रूप में जाना जाना चाहता है?